Navratri 2025: तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए लगाएं इन चीजों का भोग

Navratri 2025 - तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए लगाएं इन चीजों का भोग
| Updated on: 24-Sep-2025 08:56 AM IST

Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का उत्सव है, अपने चरम पर है। 24 सितंबर 2025 को नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि मां चंद्रघंटा का स्वरूप उग्र और शांत दोनों का अद्भुत संगम है। मां सिंह पर सवार होती हैं और उनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित होता है, जिसके कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मान्यता है कि उनकी पूजा से भय का नाश होता है और जीवन में शांति, समृद्धि और साहस की प्राप्ति होती है।

मां चंद्रघंटा को क्या लगाएं भोग?

मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए दूध से बनी मिठाइयों और खीर का भोग लगाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दूध या खीर का भोग अर्पित करने से मां अत्यंत प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

  • खीर: चावल की खीर मां चंद्रघंटा को अर्पित करने के लिए सर्वोत्तम है। खीर को केसर और सूखे मेवों से सजाकर और भी स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।

  • दूध से बनी मिठाइयां: पेड़ा, बर्फी, या कलाकंद जैसी दूध से बनी मिठाइयां भी मां को चढ़ाई जा सकती हैं।

भोग अर्पित करने के बाद इसे कन्याओं और ब्राह्मणों में बांटना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है, क्योंकि यह कार्य भक्ति और दान के महत्व को दर्शाता है।

मां चंद्रघंटा का स्वरूप

मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र शोभित होने के कारण उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। वे सिंह पर सवार रहती हैं और उनके दस हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र, जैसे तलवार, धनुष, बाण, त्रिशूल, और गदा, सुशोभित हैं। उनका यह रूप दुष्टों का संहार करने वाला और भक्तों की रक्षा करने वाला है। मां का यह स्वरूप भक्तों में साहस और आत्मविश्वास का संचार करता है।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि

मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. तैयारी: स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ करें।

  2. स्थापना: मां चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। साथ ही, कलश स्थापना करें।

  3. अर्पण: मां को रोली, कुमकुम, अक्षत, फूल, और माला अर्पित करें।

  4. भोग: दूध या खीर का भोग लगाएं। भोग को शुद्धता और भक्ति के साथ तैयार करें।

  5. मंत्र जाप: मां चंद्रघंटा के मंत्र “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” का जाप करें। इसके अतिरिक्त, दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का पाठ भी कर सकते हैं।

  6. आरती: पूजा के अंत में मां की आरती करें और अपनी मनोकामनाएं उनके समक्ष रखें।

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व

मां चंद्रघंटा शक्ति और साहस की प्रतीक हैं। उनकी दस भुजाएं और विभिन्न अस्त्र-शस्त्र नकारात्मक शक्तियों पर विजय का प्रतीक हैं। उनकी आराधना से भक्तों को आत्मविश्वास, साहस, और मानसिक शांति प्राप्त होती है। कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां की उपासना करते हैं, उनके जीवन से सभी बाधाएं दूर होती हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है।

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. Zoom News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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