UPI Transaction: फिर एक बार 2024 में UPI का बजा डंका, भारत समेत इन देशों ने भी अपनाया

UPI Transaction - फिर एक बार 2024 में UPI का बजा डंका, भारत समेत इन देशों ने भी अपनाया
| Updated on: 20-Dec-2024 06:00 AM IST
UPI Transaction: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अपनी सफलता से पूरी दुनिया में भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति की तस्वीर बदल दी है। साल 2023 में जनवरी से नवंबर तक UPI के जरिए ₹223 लाख करोड़ मूल्य के 15,547 करोड़ ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए। ये आंकड़े न केवल डिजिटल लेनदेन की जबरदस्त बढ़ोतरी को दर्शाते हैं, बल्कि भारत की वित्तीय प्रौद्योगिकी (FinTech) में मजबूत पकड़ को भी साबित करते हैं। UPI का यह वर्चस्व वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रहा है, और 2025 तक इसे कई और देशों में लॉन्च करने की योजना है।


UPI का विस्तार: सात देशों से आगे की तैयारी

वर्तमान में, UPI सात देशों में उपलब्ध है:

  1. भूटान
  2. मॉरीशस
  3. नेपाल
  4. सिंगापुर
  5. श्रीलंका
  6. फ्रांस
  7. अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश
BHIM, फोनपे, गूगल पे, और पेटीएम जैसे 20 से अधिक ऐप्स इन देशों में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन को सपोर्ट कर रहे हैं। NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) के CEO रितेश शुक्ला ने बताया कि आने वाले वर्षों में UPI का दायरा तेजी से बढ़ने वाला है।


UPI का वैश्विक रोडमैप: नए देशों की ओर

NPCI का लक्ष्य UPI को दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ-साथ कतर और अन्य देशों में भी शुरू करना है। इसके अलावा, UPI को पेरू, नामीबिया, और त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों में भारत जैसे रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम को स्थापित करने में मदद की जा रही है।

शुक्ला ने कहा:
"हम इन देशों में उनके घरेलू पेमेंट सिस्टम विकसित करने में मदद कर रहे हैं। जब ये सिस्टम पूरी तरह तैयार हो जाएंगे, तब हम उन्हें भारत के UPI से जोड़ेंगे ताकि दोनों देशों के बीच क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट को आसान बनाया जा सके।"


कैसे होगा UPI का विस्तार?

UPI के विस्तार के लिए NIPL मुख्य रूप से दो रणनीतियों पर काम कर रहा है:

  1. द्विपक्षीय (Bilateral) प्रयास
  2. बहुपक्षीय (Multilateral) प्रयास
बहुपक्षीय पहल में BIS (Bank for International Settlements) का प्रोजेक्ट नेक्सस शामिल है। यह प्रोजेक्ट भारत, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों के केंद्रीय बैंकों के साथ मिलकर उनके इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम को जोड़ने का काम कर रहा है।


P2P और P2M पेमेंट्स को बढ़ावा

UPI का अंतरराष्ट्रीय विस्तार मुख्य रूप से दो तरह के ट्रांजेक्शन पर केंद्रित है:

  1. P2P (Peer-to-Peer): व्यक्ति-से-व्यक्ति ट्रांजेक्शन
  2. P2M (Peer-to-Merchant): व्यक्ति-से-विक्रेता ट्रांजेक्शन
UPI का उद्देश्य विदेशों में P2P और P2M ट्रांजेक्शन को उसी तरह बढ़ावा देना है जैसे यह भारत में सफलतापूर्वक कर रहा है।


UPI की सफलता का कारण

UPI की सफलता का मुख्य कारण इसकी तेजी, सुरक्षा और सुविधा है। QR कोड, मोबाइल नंबर और वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) जैसे फीचर्स ने इसे बेहद लोकप्रिय बना दिया है। इसके साथ ही, UPI का "24x7 इंस्टेंट पेमेंट" सिस्टम दुनियाभर के देशों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।


आगे की राह

भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति के प्रतीक UPI को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। आने वाले समय में NPCI की योजनाएं दुनिया के कई देशों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती हैं। भारत न केवल अपनी तकनीकी दक्षता का प्रदर्शन कर रहा है, बल्कि वैश्विक डिजिटल भुगतान प्रणाली को एक नई दिशा देने की ओर अग्रसर है।

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