Sanjeevani Scam: संजीवनी मामले में शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश, सीएम बोले- पीएम इन्हें बर्खास्त करे

Sanjeevani Scam - संजीवनी मामले में शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश, सीएम बोले- पीएम इन्हें बर्खास्त करे
| Updated on: 13-Apr-2023 05:24 PM IST
Sanjeevani Scam: बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट काे-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के आरोपों में घिरे केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए संजीवनी घोटाले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने एसओजी व राजस्थान में कहीं भी दर्ज एफआईआर पर गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए है। इधर,केंद्रीय मंत्री शेखावत को मिली राहत पर सीएम ने निशाना साधते हुए कहा कि- पैसे लौटाने की बजाय गजेंद्र सिंह हाईकोर्ट जा रहे हैं...मुझे इस पर गुस्सा आ रहा है।

दो सुनवाई से इनकार के बाद तीसरे पर आया फैसला

दरअसल, संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में एसओजी ने जोधपुर समेत जालोर और बाड़मेर जिले में एफआईआर करनी शुरू कर दी थी। इन एफआईआर के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने 24 मार्च को जोधपुर हाईकोर्ट में मामले की जांच सीबीआई से करवाने और गिरफ्तारी पर रोक की मांग को लेकर याचिका दायर की थी।

इससे पूर्व 28 मार्च और 3 अप्रैल को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट जस्टिस मनेाज गर्ग और प्रवीर भटनागर की बेंच ने सुनवाई पर इनकार कर दिया था। लेकिन, 13 अप्रैल गुरुवार को हुई सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर ने राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और 3 सप्ताह बाद दोबारा सुनवाई के लिए कहा गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह की ओर से जोधपुर हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट मनीन्द्र सिंह, उनके सहायक एडवोकेट युवराज सिंह और आदित्य विक्रम सिंह भी मौजूद थे।

सीएम बोले- मुझे गुस्सा आता है, मुलजिम नहीं थे तो क्यों गए हाईकोर्ट

इधर, केंद्रीय मंत्री शेखावत को राहत मिलने के बाद सीएम गहलोत ने उन पर निशाना साधा। वे गुरुवार को जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित आरयूएचएस के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान शेखावत को लेकर तंज कसा और बोले- गजेंद्र सिंह शेखावत ने गिरफ्तारी पर रोक लगवाई है। कल तक तो कह रहे थे मैं तो इस मामले में हू ही नहीं तो फिर हाईकोर्ट क्यों पहुंचे ? अपने अरेस्ट न होने पर अपील क्यों लगवाई है।

मैं कहना चाहूंगा कि- 2 लाख परिवार बर्बाद हो गए, उन्हें शर्म आनी चाहिए कि केंद्रीय मंत्री होकर अपनी गलती स्वीकार नहीं कर रहे हैं। अपने दोस्तों को कहे, जो प्रॉपर्टी देश-विदेश में है उन्हें बेच कर रुपए चुकाए।

वे शेखावत को लेकर बोले- केंद्रीय मंत्री बनना बड़े मान-सम्मान की बात है और जिंदगी में फिर क्या चाहिए ? राजस्थान के लोग बर्बाद हो रहे हैं, मेरे पास भी आए थे लोग रोने लगे थे। इन्हें शर्म आनी चाहिए, लोग MLA बनकर खुश है। ऐसे मंत्री को केंद्रीय मंत्री रहना का अधिकारी नहीं। पीएम को चाहिए कि ऐसे मंत्री को बर्खास्त करे।

मुझे गुस्सा आ रहा है। ये आगे बढ़कर नहीं कह रहे हैं कि पैसे दिलवाऊंगा। पैसे क्यों नहीं दिलवा रहे हैं। यदि मुलजिम नहीं थे तो क्यों गए हाईकोर्ट ?

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री हैं आमने-सामने

पिछले कुछ महीने से संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आमने-सामने हैं। संजीवनी मुद्दे को लेकर 21 फरवरी को सीएम ने शेखावत समेत उनके परिवार को इस घोटाले का आरोपी बताया था। इसके बाद शेखावत ने मार्च के पहले सप्ताह में गहलोत के खिलाफ दिल्ली की कोर्ट में मानहानि केस दायर किया था।

मुख्यमंत्री पर मानहानि का केस दायर करने के बाद राजस्थान में एसओजी एक्टिव हुई और सोसायटी के संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज करना शुरू किया। 22 मार्च से अब तक जोधपुर, बाड़मेर व जालोर में 200 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं।

भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी इस बात से इनकार नहीं करते कि उनकी पार्टी में सीएम चेहरे को लेकर कई नेता दौड़ में हैं। वह कहते हैं- यह तो अच्छी बात है कि हमारी पार्टी में ऐसे कई नेता हैं जिनका जनाधार है, जो लोकप्रिय हैं।

हालांकि, जोशी खुद को मुख्यमंत्री की रेस से बाहर बताते हैं। कहते हैं- 'मैं तो अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूं कि मेरे पार्टी अध्यक्ष रहते भाजपा की सरकार बने और जो भी सीएम बने हम सब मिलकर उसको माला पहनाएं।'

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