नागरिकता कानून : ओवैसी की अमित शाह को चुनौती, बोले- मुझसे करो बहस
नागरिकता कानून - ओवैसी की अमित शाह को चुनौती, बोले- मुझसे करो बहस
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Updated on: 22-Jan-2020 03:56 PM IST
एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) पर बहस की चुनौती दी है। अमित शाह ने लखनऊ में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को बहस की चुनौती दी थी। ओवैसी ने कहा कि उनके साथ बसह क्यों? मेरे साथ बहस करो। मंगलवार को करीमनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर बहस करने के लिए तैयार हैं। ओवैसी ने कहा कि तुम्हें मेरे साथ बहस करनी चाहिए। मैं यहां हूं। मेरे साथ बहस क्यों नहीं करते? दाढ़ी वाले आदमी के साथ होनी चाहिए बहसउन्होंने अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि बहस दाढ़ी वाले आदमी के साथ होनी चाहिए। मैं उनके साथ सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर बहस कर सकता हूं। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में देश के गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में एक रैली को संबोधित किया था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिसे विरोध करना हो करे लेकिन ये कानून वापस नहीं लिया जाएगा क्योंकि ये कानून नागरिकता लेने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का है। अपने भाषण में उन्होंने सपा और कांग्रेस पर खास तौर से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव व राहुल गांधी वोट बैंक की राजनीति के कारण नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं। राहुल बाबा और अखिलेश बाबा सुन लो...उन्होंने ममता बनर्जी और मायावती पर भी कटाक्ष किए। अमित शाह ने कहा कि राहुल बाबा और अखिलेश बाबा सुन लो। आपको भाजपा की जितनी भी आलोचना करनी है करो। प्रधानमंत्री मोदी की जितनी भी आलोचना करनी है करो। पर देश के खिलाफ आलोचना करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें जेल में डाल दिया गया जाएगा।अखिलेश और राहुल देश विरोधियों का समर्थन करते हैंअमित शाह ने कहा कि जेएनयू में देश विरोधी नारे लगते हैं तो अखिलेश यादव और राहुल गांधी देश विरोधियों का समर्थन करते हैं। ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि सीएए पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार करके और भ्रम फैला रही हैं। इसलिए भाजपा जन जागरण अभियान चला रही है।अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सीएए लेकर आए हैं। कांग्रेस, ममता बनर्जी, अखिलेश, मायावती और केजरीवाल सभी इस बिल के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं। इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ।
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