SIP Investment: पहली बार SIP शुरू कर रहे हैं? जानिए कैसे चुनें सही म्यूचुअल फंड और क्यों है फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूरी
SIP Investment - पहली बार SIP शुरू कर रहे हैं? जानिए कैसे चुनें सही म्यूचुअल फंड और क्यों है फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूरी
पहली बार सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करना कई नए निवेशकों के लिए एक जटिल प्रक्रिया लग सकती है और म्यूचुअल फंड के विभिन्न प्रकार, निवेश की समयावधि, जुड़े जोखिम और अलग-अलग योजनाओं की भरमार अक्सर शुरुआती निवेशकों को भ्रमित कर देती है कि वे अपनी वित्तीय यात्रा कैसे शुरू करें। हालांकि, वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि सही जानकारी और उचित मार्गदर्शन के साथ SIP में निवेश करना लंबी अवधि में संपत्ति बनाने का सबसे सरल और भरोसेमंद तरीकों में से एक है। आजकल, युवा पेशेवर और यहां तक कि छात्र भी अपने भविष्य को सुरक्षित करने और वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त। करने के लिए SIP को अपना रहे हैं, जिससे सही फंड चुनने की जानकारी होना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
SIP की शुरुआत: क्यों है यह महत्वपूर्ण?
SIP की शुरुआत करना केवल पैसे बचाने से कहीं अधिक है; यह एक अनुशासित वित्तीय आदत विकसित करने और समय के साथ धन सृजन की शक्ति का लाभ उठाने के बारे में है। वित्तीय विशेषज्ञ हर्षवर्धन रूंगटा ने इस बात पर जोर दिया कि शुरुआती निवेशकों को SIP कैसे शुरू करनी चाहिए और कौन सा फंड चुनना बेहतर रहेगा और उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि किसी भी निवेशक का पहला निवेश अनुभव बेहद सकारात्मक होना चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नए निवेशक आत्मविश्वास के साथ अपनी निवेश यात्रा जारी रखें, बजाय इसके कि गलतफहमी या गलत उत्पाद के चुनाव के कारण वे निवेश से दूर हो जाएं। एक सकारात्मक शुरुआत भविष्य के निवेश निर्णयों के लिए एक मजबूत नींव रखती है।
सही फंड चुनने से पहले तीन अहम बातें
रूंगटा के अनुसार, अपनी पहली SIP शुरू करने से पहले तीन मूलभूत बातों को समझना और उन्हें स्पष्ट रूप से परिभाषित करना अत्यंत आवश्यक है। ये तीन स्तंभ आपके निवेश निर्णयों को निर्देशित करेंगे और आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप सबसे उपयुक्त फंड चुनने में मदद करेंगे। सबसे पहले, 'टाइम होराइजन' यानी आप कितने समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, यह तय करना महत्वपूर्ण है। दूसरा, 'रिस्क एपेटाइट' यानी आप कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं, इसे समझना जरूरी है। और तीसरा, 'फाइनेंशियल गोल' यानी आपका निवेश का अंतिम लक्ष्य क्या है, इसे स्पष्ट करना और ये लक्ष्य उच्च शिक्षा, शादी, घर खरीदना या सेवानिवृत्ति की योजना कुछ भी हो सकते हैं। इन तीनों कारकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने के बाद ही सही फंड का चुनाव किया जा सकता है।लक्ष्य के अनुसार फंड का चुनाव
आपके निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर, विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड उपयुक्त हो सकते हैं और रूंगटा ने बताया कि यदि आपका लक्ष्य 'शॉर्ट-टर्म' यानी कम अवधि का है, तो 'डेट फंड' सबसे सही माने जाते हैं क्योंकि वे अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले होते हैं और स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं। 'मीडियम-टर्म' लक्ष्यों के लिए, 'हाइब्रिड फंड' एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि वे इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करके जोखिम और रिटर्न के बीच संतुलन बनाते हैं। वहीं, 'लॉन्ग-टर्म' लक्ष्यों के लिए, 'इक्विटी फंड' सबसे उपयुक्त होते हैं। इक्विटी फंड उच्च रिटर्न की संभावना रखते हैं, हालांकि इनमें जोखिम भी अधिक होता है। युवाओं के लिए लंबे समय तक इक्विटी फंड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा 'कंपाउंडिंग' के रूप में मिलता है, जिससे समय के साथ उनका फंड तेजी से बढ़ता है और धन सृजन की प्रक्रिया में तेजी आती है।वित्तीय सलाहकार की भूमिका: एक सुरक्षित शुरुआत
हर्षवर्धन रूंगटा ने एक महत्वपूर्ण सलाह दी कि चाहे SIP की राशि कितनी भी छोटी क्यों न हो, एक योग्य 'फाइनेंशियल एडवाइजर' (वित्तीय सलाहकार) से सलाह जरूर लेनी चाहिए। एक वित्तीय सलाहकार आपको सही फंड चुनने में मदद कर सकता है जो आपके लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के अनुरूप हो और वे आपको विभिन्न निवेशों से जुड़े जोखिमों को समझने में सहायता करते हैं और आपके वित्तीय लक्ष्यों को यथार्थवादी तरीके से निर्धारित करने में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। एक सलाहकार की मदद से, आपका पहला निवेश अनुभव सुरक्षित और सकारात्मक बनता है, जिससे आप आत्मविश्वास के साथ अपनी वित्तीय यात्रा जारी रख सकते हैं। यदि आप भी कॉलेज या करियर की शुरुआत में SIP शुरू करना चाहते हैं, जैसा कि प्रगति के उदाहरण में देखा गया है, तो यह सबसे सही समय है। सही योजना और समझ के साथ की गई यह शुरुआत आपके वित्तीय भविष्य को मजबूत और सुरक्षित बना सकती है।