Asim Munir: पाकिस्तान में असीम मुनीर को मिली नई 'सीडीएफ' पोस्ट, शक्तियां बढ़ीं

Asim Munir - पाकिस्तान में असीम मुनीर को मिली नई 'सीडीएफ' पोस्ट, शक्तियां बढ़ीं
| Updated on: 09-Nov-2025 09:35 AM IST
पाकिस्तान ने अपने रक्षा बलों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को एक नई और शक्तिशाली भूमिका सौंपी गई है। देश में 27वें संवैधानिक संशोधन विधेयक के माध्यम से रक्षा बलों के प्रमुख (Chief of Defence Force – CDF)। का नया पद सृजित किया गया है, जो जनरल मुनीर की सैन्य पकड़ को अभूतपूर्व रूप से मजबूत करेगा। यह कदम भारत के साथ हाल ही में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' संघर्ष से मिली सीख और आधुनिक युद्ध की। बदलती प्रकृति के जवाब में उठाया गया है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं और नेतृत्व को सुदृढ़ करना है।

रक्षा बलों के प्रमुख (CDF) का नया पद

संसद में पेश किए गए 27वें संवैधानिक संशोधन विधेयक के तहत पाकिस्तान में रक्षा बलों के प्रमुख (CDF) का एक नया और अत्यंत महत्वपूर्ण पद बनाया जा रहा है। इस पद पर नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा की जाएगी, लेकिन वर्तमान प्रावधानों के अनुसार, यह शीर्ष अधिकारी सेना प्रमुख के रूप में भी कार्य करेगा। इसका सीधा अर्थ यह है कि इस महीने के अंत तक, जब संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा, जनरल असीम मुनीर स्वचालित रूप से सीडीएफ बन जाएंगे। यह एक ऐसा परिवर्तन है जो पाकिस्तान की सैन्य संरचना में एक ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है, क्योंकि यह एक ही व्यक्ति के हाथ में सेना और समग्र रक्षा बलों की कमान सौंप देगा।

जनरल मुनीर की बढ़ी हुई शक्तियां

सीडीएफ का पद जनरल मुनीर की सेना पर पकड़ को और भी मजबूत करेगा, जिससे उन्हें व्यापक और निर्णायक शक्तियां प्राप्त होंगी। इस नई भूमिका में, उन्हें सैन्य नियुक्तियों, पदोन्नतियों और सभी सैन्य अभियानों पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त होगा और यह नियंत्रण उन्हें पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठान के भीतर रणनीतिक निर्णय लेने और कर्मियों के प्रबंधन में एक केंद्रीय भूमिका प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, जनरल मुनीर को पाकिस्तान की परमाणु सेनाओं के प्रमुख की नियुक्ति करने का भी अधिकार होगा, जो उनकी शक्ति के दायरे को सामरिक और परमाणु स्तर तक विस्तारित करता है। यह अधिकार उन्हें देश की सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण रक्षा संपत्तियों पर सीधा प्रभाव डालने की क्षमता प्रदान करेगा, जिससे उनकी स्थिति और भी प्रभावशाली हो जाएगी।

आजीवन फील्ड मार्शल का पद

एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन, जो सीधे जनरल मुनीर को लाभ पहुंचाएगा, संविधान में यह प्रावधान करेगा कि फील्ड मार्शल का पद और उससे संबंधित विशेषाधिकार आजीवन रहेंगे और यह सुनिश्चित करेगा कि जनरल मुनीर अपने पूरे जीवनकाल तक इस सर्वोच्च सैन्य सम्मान और उससे जुड़े सभी लाभों को बनाए रखेंगे। यह एक असाधारण सम्मान है जो उन्हें देश के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करेगा। फील्ड मार्शल का पद आमतौर पर युद्धकाल में असाधारण सैन्य नेतृत्व के लिए दिया जाता है, और इसे आजीवन बनाए रखने का प्रावधान उनकी सेवा और योगदान को एक स्थायी पहचान देगा, साथ ही उनकी प्रतिष्ठा और प्रभाव को भी बढ़ाएगा।

राष्ट्रीय सामरिक कमान पर नियंत्रण

नए विधेयक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सेना प्रमुख, जो अब रक्षा बलों के प्रमुख (CDF) भी होंगे, प्रधानमंत्री से परामर्श कर राष्ट्रीय सामरिक कमान (National Strategic Command) के प्रमुख की नियुक्ति करेंगे और यह राष्ट्रीय सामरिक कमान पाकिस्तानी सेना से संबंधित होगी, जिसका अर्थ है कि परमाणु हथियारों और रणनीतिक संपत्तियों पर नियंत्रण सीधे सीडीएफ के अधीन होगा। यह प्रावधान पाकिस्तान की परमाणु नीति और सुरक्षा रणनीति में जनरल मुनीर की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित करता है। सरकार सशस्त्र बलों के अधिकारियों को फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ द एयर फोर्स और एडमिरल ऑफ द फ्लीट जैसे उच्च सैन्य पदों पर पदोन्नत कर सकेगी, जिससे सैन्य नेतृत्व को और अधिक सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।

संघर्ष के परिणाम और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान द्वारा यह महत्वपूर्ण कदम मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष, जिसे 'ऑपरेशन सिंदूर' के नाम से जाना जाता है, से मिली सीख और आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति से प्रेरित बताया जा रहा है और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में, भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य सीमा पार आतंकवाद पर लगाम लगाना था। इन हमलों के बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक तीव्र झड़पें हुईं, जो अंततः 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के समझौते के साथ समाप्त हुईं। यह संघर्ष पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव रहा, जिसने उसे अपनी। सैन्य तैयारियों और नेतृत्व संरचना पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया। पिछले महीने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए और पी. सिंह ने कहा था कि भारतीय हमलों में पाकिस्तान के कम से कम दर्जनभर सैन्य विमान, जिनमें अमेरिकी मूल के एफ-16 जेट भी शामिल थे, नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए। भारत का यह भी दावा है कि मई में जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के विभिन्न सैन्य ठिकानों पर भारी हमले किए, तब पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की गुहार लगाई थी। इस संघर्ष के तुरंत बाद, पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत कर दिया था, जिससे वे देश के इतिहास में इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारी बन गए थे। अब, सीडीएफ के नए पद के साथ, जनरल मुनीर की भूमिका और भी व्यापक हो गई है, जिससे पाकिस्तान की रक्षा रणनीति और सैन्य कमान में उनकी केंद्रीय स्थिति और मजबूत होगी और यह परिवर्तन पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को सुदृढ़ करने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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