Pahalgam Terrorist Attack: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला न केवल भारत के लिए बल्कि समूची मानवता के लिए एक गंभीर चुनौती बनकर सामने आया है। इस हमले में कम से कम 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस जघन्य कृत्य की विश्व भर में कड़ी निंदा हो रही है, और भारत के प्रति वैश्विक समर्थन की एक मजबूत लहर देखने को मिल रही है।
इस आतंकी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक स्वर में आतंकवाद की इस कायराना हरकत की घोर निंदा की है। परिषद ने साफ तौर पर कहा है कि इस हमले के पीछे शामिल अपराधियों, उनके आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाना चाहिए। UNSC ने सभी देशों से अपील की है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत इस जघन्य कृत्य के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग करें।
यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि वह लगातार कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश करता रहा है। अब जब संयुक्त राष्ट्र स्वयं भारत के पक्ष में खड़ा हुआ है, तो पाकिस्तान की रणनीति को करारा जवाब मिला है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी पांच सदस्य—अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और चीन—दुनिया की सबसे प्रभावशाली ताकतें मानी जाती हैं। इन सभी देशों ने पहलगाम हमले की खुलकर निंदा की है और भारत के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है। खासकर अमेरिका की खुफिया समुदाय की प्रमुख और पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड का बयान विशेष रूप से चर्चा में है। उन्होंने कहा:
“हम पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए भयानक इस्लामी आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ एकजुटता में खड़े हैं। मेरी प्रार्थनाएं और गहरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजन खो दिए, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सभी लोगों के साथ हैं।”
यह हमला एक बार फिर इस सच्चाई को उजागर करता है कि आतंकवाद किसी एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक शांति और मानवता के लिए खतरा है। ऐसे में भारत की भूमिका अब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि वह वर्षों से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग करता रहा है। संयुक्त राष्ट्र और बड़ी वैश्विक शक्तियों का यह समर्थन भारत के कूटनीतिक प्रयासों की जीत है।