वैक्सीनेशन: हमने नहीं दी थी कोविशील्ड की खुराकों में 12-16 हफ्ते के अंतर की सलाह: पैनल के 3 वैज्ञानिक

वैक्सीनेशन - हमने नहीं दी थी कोविशील्ड की खुराकों में 12-16 हफ्ते के अंतर की सलाह: पैनल के 3 वैज्ञानिक
| Updated on: 16-Jun-2021 12:53 PM IST
नई दिल्ली: कोविशील्ड की दो डोज के बीच गैप को दोगुना करने के सरकार के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया है कि सरकार ने इस फैसले के पीछे जिस एडवाइजरी बोर्ड के सदस्यों की सहमति होने का दावा किया था, उन्होंने कोविशील्ड की दो डोज के बीच गैप को 12 से 16 हफ्ते बढ़ाने की सिफारिश की ही नहीं थी. रॉयटर्स के मुताबिक, एडवाइजरी बोर्ड ने अंतर को 8 से 12 हफ्ते तक करने की सलाह दी थी, लेकिन सरकार ने अपनी मर्जी से ही इस गैप को 12 से 16 हफ्ते तक बढ़ा दिया.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 13 मई को कोविशील्ड की दो डोज के बीच अंतर को 6 से 8 हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर दिया था. ये फैसला ऐसे समय लिया गया था जब वैक्सीन की किल्लत थी और देशभर में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा था.

वैक्सीनेशन के लिए सरकार की ओर से नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन (NTAGI) बनाया गया है, जिसके अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा हैं. सरकार का दावा था कि कोविशील्ड की दो डोज बढ़ाने का फैसला ब्रिटेन से मिले डेटा के आधार पर लिया गया है, लेकिन इस ग्रुप के 14 में से तीन सदस्य ऐसे भी थे जिन्होंने इस फैसले पर सवाल उठाए थे और कहा था कि डोज के बीच अंतर बढ़ाने के लिए इतना डेटा पर्याप्त नहीं है.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के पूर्व डायरेक्टर एमडी गुप्ते ने बताया कि NTAGI ने वैक्सीन की दो डोज के बीच का अंतर 8 से 12 हफ्ते करने की सलाह दी थी. डब्ल्यूएचओ भी यही सलाह देता है. लेकिन 12 हफ्ते से ज्यादा दो डोज के बीच के अंतर को लेकर अभी कोई डेटा नहीं है. उन्होंने कहा, "8 से 12 हफ्ते तक का अंतर ठीक है, लेकिन 12 से 16 हफ्ते का गैप सरकार अपनी मर्जी से लेकर आई है. ये सही भी हो सकता है और नहीं भी. अभी हमारे पास कोई डेटा नहीं है." यही बात NTAGI के सदस्य मैथ्यू वर्गीस भी दोहराते हैं.

हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया था कि कोविशील्ड की दो डोज के बीच का अंतर बढ़ाने का फैसला वैज्ञानिक आधार पर और NTAGI की सलाह पर लिया गया है. सरकार ने 15 मई को कहा था कि दो डोज के बीच अंतर वैज्ञानिक कारणों से बढ़ाया गया है, न कि वैक्सीन की कमी की वजह से.

कोविड वर्किंग ग्रुप के सदस्य जेपी मुलियिल ने बताया कि NTAGI ने वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर बढ़ाने को जरूर कहा था, लेकिन 12 से 16 हफ्ते का गैप रखने की सिफारिश नहीं की थी. NTAGI के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन उन्होंने ये कहा कि ये फैसला NTAGI ने लिया था.

पिछले महीने की शुरुआत में दक्षिण कोरिया ने डेटा जारी किया था कि फाइजर और एस्ट्राजैनेका की वैक्सीन की एक डोज ही 60 साल से ऊपर के लोगों में संक्रमण को रोकने में 86.6% प्रभावी है. जेपी मुलियिल का कहना है कि इससे एडवाइजरी बोर्ड का विश्वास बढ़ा कि वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर बढ़ाने का कोई नुकसान नहीं होगा.

भारत में 25 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई है और इनमें से 90% डोज एस्ट्राजेनेका (कोविशील्ड) वैक्सीन की दी गई हैं.

डॉ. शाहिद जमील भारत के टॉप वायरलॉजिस्ट हैं. उन्होंने पिछले महीने ही सरकार की ओर से गठित वैज्ञानिक सलाहकार समिति से इस्तीफा दे दिया था. उनका कहना है कि सरकार को वैक्सीन की डोज के बीच गैप दोगुना बढ़ाने के फैसले के कारणों को स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा, "ऐसे हालात में जब वैरिएंट ऑफ कंसर्न फैल रहा है, हमें बड़े पैमाने पर लोगों को वैक्सीनेट करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि वो सुरक्षित हैं."

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।