पेट्रोल डीजल के दाम (Petrol Diesel Price ) वैसे ही आम लोगों की जेब पर डाका डाल रहा है. लेकिन आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दामों (Petrol Diesel Price ) में और भी बढ़ोतरी आ सकती है. क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम आसमान छू रहे हैं. ब्रेंट क्रूड की कीमत 84 डॉलर प्रति बैरल के पास जा पहुंचा है और जानकारों की मानें तो मांग में बढ़ोतरी के चलते कच्चे तेल के दामों में और भी इजाफा आने की संभावना है.
कच्चे तेल के दामों में उबालकच्चे तेल के दाम दो महीने के उच्चतम स्तर पर ट्रेड कर रहा है. 2022 के शुरुआत से ही कच्चे तेल के दामों में भारी उछाल देखने को मिला है. जनवरी 2022 में कच्चे तेल के दामों में 8 फीसदी की बढ़ोतरी आ चुकी है. फिलहाल कच्चा तेल 84 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. दरअसल दरअसल दुनियाभर के तेल उत्पादक देशों ( Oil Producing Nations) के ग्रुप ओपेक प्लस ( Opec+ ) को जितना कच्चे तेल ( Crude Oil) का उत्पादन ( Production) बढ़ाना चाहिए उन्होंने उतना बढ़ाया नहीं है. जितनी मांग है उतनी सप्लाई नहीं है जिसके चलते कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
मार्च 2020 में कोरोना महामारी में उत्पादन घटाया गया दरअसल मार्च 2020 में ओपेक प्लस ( Opec+) देशों में कोरोना महामारी ( Corona Pandemic) के मद्देनजर के दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते कच्चे तेल की मांगों में भारी कमी के बाद 10 मिलियन बैरल उत्पादन में कटौती कर दी गई थी. हालांकि अगस्त 2020 से इसे दोबारा धीरे धीरे इसे बहाल किया जा रहा है. अबतक करीब 6 मिलियन बैरल उत्पादन में कटौती को बहाल किया जा चुका है. आपको बता दें अमेरिका और भारत समेत कई देश ओपेक प्लस देशों से कच्चे तेल के उत्पादन बढ़ाने की मांग करते आए हैं. ओपेक प्लस 23 देशों का संगठन है जिसका नेतृत्व सऊदी अरब और रूस करता है.
चुनाव के चलते मिल सकती है फौरी राहतपांच राज्यों में विधानसभा 10 फरवरी से शुरु हो रहा है. ऐसे में ये भी संभावना है कि सरकार फिलहाल पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी का जोखिम नहीं लेगी. जिससे वोटर नाराज हों. इसका खामियाजा सरकारी तेल कंपनियों को फिलहाल उठाना होगा.