Sachin Pilot: पायलट बोले- हमें पीड़ितों को जवाब देना है; 'किसी ने तो ब्लास्ट किया होगा, आरोपी कैसे छूटे?'

Sachin Pilot - पायलट बोले- हमें पीड़ितों को जवाब देना है; 'किसी ने तो ब्लास्ट किया होगा, आरोपी कैसे छूटे?'
| Updated on: 30-Mar-2023 05:22 PM IST
Sachin Pilot: जयपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने के मामले में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री के गृह विभाग पर सवाल उठाए हैं। पायलट ने कहा कि सबको पता है ब्लास्ट हुए थे और आरोपियों को पकड़ा गया था। लोअर कोर्ट से मौत की सजा पाए आरोपी अगर जांच में कमी की वजह से छूट जाएं तो यह गंभीर मामला है। जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चा​हिए।

उन्होंने कहा कि हमें पीड़ितों को जवाब देना है, उन्हें न्याय दिलाना है। अगर हम कोर्ट से न्याय नहीं दिलवा पा रहे हैं तो कोई कमी है। पायलट गुरुवार को जयपुर में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

पायलट ने कहा कि गृह विभाग और लॉ डिपार्टमेंट को ही देखना पड़ेगा कि मौत की सजा सुनाने के बाद भी अगर हाईकोर्ट में जांच की खामियों के कारण आरोपी छूट जाए तो यह बहुत गंभीर मामला है। इन्वेस्टिगेशन ढंग से नहीं हुआ,कमियां रह गई थी। जिम्मेदार लोगों की जांच होनी चाहिए। ऐसे कैसे हुआ? किसी ने तो ब्लास्ट किया होगा।

पायलट ने कहा कि लोअर कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। सजा कम होना अलग बात होती है, लेकिन सबूतों की वजह से अगर मौत की सजा के बजाय रिहा कर दिया जाए तो बहुत गंभीर बात है। जज भी नहीं चाहते थे कि आरोपी छूटे, लेकिन सबूतों के अभाव में छोड़ना पड़ा। यह बहुत बड़ा मामला है, इसकी जांच होनी चाहिए।

जिनके घरों में मौत हुई, उन्हें भी तो हमें जवाब देना पड़ेगा

सचिन ने कहा कि जिनके घरों में मौत हुई है, उन्हें भी तो हमें जवाब देना पड़ेगा। जिन्होंने अपराध कर दिया उन्हें सजा दिलाना जरूरी है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इस मामले को लॉजिकल कंक्लुजन तक पहुंचाएं। मुझे लगता है कि तुरंत प्रभाव से इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए।

सरकार को चाहिए कि ब्लास्ट केस के जो भी सबूत है, डाॅक्यूमेंट्री एविडेंस है उन्हें इकट्ठा करके लोगों को न्याय दिलाना चाहिए। अगर हम न्यायपालिका से न्याय नहीं दिला पा रहे हैं तो कोई तो कमी होगी।

डॉक्टर हड़ताल पर दोनों पक्ष अड़ियल रुख छोड़ें

पायलट ने राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में डॉक्टर्स की हड़ताल पर कहा कि पिछले 12 दिनों से हड़ताल चल रही है। उसकी वजह से हेल्थ सर्विस में दिक्कत आ रही है। मुझे लगता है कि सरकार की मंशा सही हो सकती है कि सभी लोगों को यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम मिले, लेकिन आज जो हालत बने हैं उसमें डॉक्टर्स की हड़ताल से मरीज भयानक रूप से परेशान हैं और यह जिम्मेदारी हम सब लोगों की है।

हॉस्पिटल और डॉक्टर का पक्ष सुनकर कोई रास्ता निकालना चाहिए। सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि राजस्थान के हजारों लोग मेडिकल इमरजेंसी की वजह से इंतजार नहीं कर सकते, ऐसी सिचुएशन में सुधारने के लिए वार्ता जरूरी है। वार्ता से सब कुछ संभव है।

'कोई डॉक्टर नहीं चाहेगा कि मरीजों की सहायता न हो'

पायलट ने कहा कि राजस्थान का कोई भी डॉक्टर ऐसा नहीं चाहेगा कि मरीजों की हेल्प नहीं हो। पहले भी अड़चनें आईं। यह टकराव पहली बार नहीं हुआ, लेकिन यह मामला बहुत मार्मिक है और प्रदेश के मरीजों को प्रभावित करता। बहुत सारे यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम और अधिकार देकर कानून बनाए थे। इस एक्ट में भी बीच का रास्ता निकालना चाहिए। दोनों पक्षों से बैठकर बात करें, ताकि पब्लिक को दिक्कत नहीं हो। जिम्मेदारी हम सब लोगों की बनती है।

जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस में बुधवार को हाईकोर्ट ने सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया। जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की बेंच ने कहा कि जांच अधिकारी को कानून की जानकारी नहीं है। वहीं राज्य सरकार फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है.

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