PM Modi In Saudi Arabia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 और 23 अप्रैल को दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब के जेद्दा रवाना हो रहे हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने और रक्षा, ऊर्जा, निवेश एवं सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पीएम मोदी इस दौरान सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा संभावित है।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ‘रणनीतिक साझेदारी परिषद’ की दूसरी बैठक में भाग लेंगे। यह मंच दोनों देशों के संबंधों को संस्थागत स्वरूप देता है और यह सुनिश्चित करता है कि भारत-सऊदी सहयोग को व्यवस्थित और दीर्घकालिक रूप दिया जा सके। चर्चा के केंद्र में रक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक निवेश, और सामरिक साझेदारी जैसे मुद्दे होंगे।
भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। हाल ही में दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त अभ्यास भी किए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, सऊदी अरब को भारत की ओर से गोला-बारूद की आपूर्ति संबंधी $225 मिलियन डॉलर की डील इस साझेदारी को नई मजबूती देती है। भविष्य में भारतीय सेना द्वारा सऊदी सेना को प्रशिक्षण देने जैसे समझौते भी हो सकते हैं।
भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए सऊदी अरब पर बहुत हद तक निर्भर है। इस यात्रा में ऊर्जा आपूर्ति की सुरक्षा और दीर्घकालिक अनुबंधों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही भारत सऊदी निवेश को आकर्षित करना चाहता है, विशेष रूप से बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में।
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान जेद्दा में एक फैक्ट्री का दौरा करेंगे और वहां कार्यरत भारतीय प्रवासियों से संवाद करेंगे। सऊदी अरब में लगभग 26 लाख भारतीय रहते हैं, जो दोनों देशों के रिश्तों में एक मजबूत मानवीय पुल की तरह हैं।
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत में वक्फ संशोधन कानून को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में विवाद गहराया हुआ है। हालांकि, विदेश सचिव ने स्पष्ट किया है कि सऊदी अरब ने इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है और इसके यात्रा के दौरान चर्चा में आने की संभावना भी कम है।
पीएम मोदी की इस यात्रा में कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना जताई जा रही है। रक्षा, ऊर्जा, निवेश, और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर एमओयू अंतिम चरण में हैं। यह डील्स भारत-सऊदी रणनीतिक रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेंगे।