नई दिल्ली: शाह ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है, इसलिए कड़ा कानून जरूरी

नई दिल्ली - शाह ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है, इसलिए कड़ा कानून जरूरी
| Updated on: 24-Jul-2019 05:02 PM IST
नई दिल्ली. लोकसभा में बुधवार को गैर-कानूनी गतिविधि निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक, 2019 बिल पास हो गया। इस दौरान पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कानून में नए प्रावधान जोड़ने का विरोध किया। उन्होंने बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजनी की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट किया। चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सरकार लड़ती है, कौन-सी पार्टी सत्ता में हैं उससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। आतंकवाद के खात्म के लिए कड़े कानून की जरूरत है।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पूछा- यूएपीए बिल को संशोधित कर कड़े प्रावधान जोड़ने के पीछे सरकार की मंशा क्या है? शाह ने कहा कि कांग्रेस सरकार बिल लाती है तो सहीं, लेकिन हम संशोधन कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? हम आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं, संशोधित कानून से राज्यों की शक्ति कम नहीं होगी। यह कानून 1967 में कांग्रेस सरकार लेकर आई। इसके बाद 2004, 2008 और 2013 में आप ही ने संशोधन किए। कानून को मजबूत किसने बनाया? इसलिए हम जो कर रहे हैं वो भी सही है।

भाजपा सरकार शहरी नक्सलवाद से समझौता नहीं करेगी: शाह 

शाह ने कहा, ''गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों और उनके मददगारों को आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रावधान है। अमेरिका, पाकिस्तान, चीन, इजरायल और यूरोपियन यूनियन समेत सभी में है। अब हमने भी इसके लिए संशोधित विधेयक में प्रावधान किए हैं। हमने इस बात का भी ध्यान रखा है कि कोई कानून का दुरुपयोग न कर पाए। भाजपा सरकार शहरी नक्सलवाद के खिलाफ है। शहरी नक्सलवाद या जो विचारधारा के नाम पर गैर-कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं, ऐसे लोगों के साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे।''

इससे पहले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार मानता हूं। कांग्रेस यूएपीए कानून लाने के लिए असली दोषी है। वे इस कानून को तब लाए थे, जब सत्ता में भाजपा से ज्यादा ताकतवर थे। अब हार गए हैं तो मुस्लिमों के बड़े भाई बनना चाहते हैं।

मोदी-ट्रम्प की मुलाकात में कश्मीर पर कोई बात नहीं हुई: राजनाथ

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कश्मीर पर मध्यस्थता वाले बयान पर दूसरे दिन भी लोकसभा में हंगामा हुआ। विपक्ष ने सदन में ‘मोदी जवाब दो’ के नारे लगाए। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “विदेश मंत्री जयशंकर इस मामले पर बयान दे चुके हैं। मैं जयशंकर जी के बयान को प्रामाणिक मानता हूं। ट्रम्प और मोदीजी के बीच जून में बातचीत हुई थी और उस वक्त जयशंकर जी वहीं मौजूद थे। अगर पाक से कश्मीर मुद्दे पर बात होगी तो सिर्फ कश्मीर ही नहीं बल्कि ‘पाक अधिकृत कश्मीर’ भी शामिल होगा।”

कश्मीर हमारे लिए स्वाभिमान का मुद्दा: राजनाथ

राजनाथ ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले कहा जा रहा था कि सत्तापक्ष जवाब देगा तो वो सुनेंगे। लेकिन विदेश मंत्री के बाद मैं भी जवाब दे रहा हूं और वे सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। कश्मीर पर किसी की मध्यस्थता स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। कश्मीर हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का मुद्दा है। हम कभी अपने राष्ट्रीय स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते। इस बीच कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर संसद में आकर जवाब दें। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव भी दिया।

विदेश मंत्री जयशंकर पहले ही पक्ष रख चुके हैं

ट्रम्प ने सोमवार को पाक पीएम इमरान के साथ बैठक के दौरान दावा किया था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया मुलाकात में उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए कहा। इस पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में इस मामले में सरकार का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा था कि भारत की स्थिति साफ रही है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी मुद्दा द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाया जाएगा। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए उसका सीमा पार आतंकवाद बंद करना जरूरी है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।