Punjab National Bank: PNB में 2434 करोड़ रुपये का लोन फ्रॉड: SREI ग्रुप पर धोखाधड़ी का आरोप, बैंक ने की 100% प्रोविजनिंग

Punjab National Bank - PNB में 2434 करोड़ रुपये का लोन फ्रॉड: SREI ग्रुप पर धोखाधड़ी का आरोप, बैंक ने की 100% प्रोविजनिंग
| Updated on: 26-Dec-2025 10:47 PM IST
देश के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को 2,434 करोड़ रुपये के बड़े लोन फ्रॉड की सूचना दी है. इस खुलासे ने एक बार फिर बैंकिंग सेक्टर में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं, हालांकि PNB ने इस मामले में अपनी वित्तीय स्थिति को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

धोखाधड़ी का विस्तृत विवरण

यह धोखाधड़ी SREI ग्रुप की दो प्रमुख कंपनियों, SREI इक्विपमेंट फाइनेंस और SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस से संबंधित है. PNB द्वारा शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार, SREI इक्विपमेंट फाइनेंस से जुड़ा फ्रॉड लगभग 1,241 करोड़ रुपये का है, जबकि SREI इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस से संबंधित राशि लगभग 1,193 करोड़ रुपये है. बैंक ने बताया है कि इन मामलों में पुराने प्रमोटर शामिल थे, जिन्होंने कथित तौर पर वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया और बैंक को नुकसान पहुंचाया.


PNB की वित्तीय सुरक्षा और प्रोविजनिंग

इस बड़े फ्रॉड की जानकारी देने के बावजूद, PNB ने निवेशकों और ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि बैंक ने इन दोनों मामलों में अपनी पूरी बकाया राशि के लिए पहले ही 100 फीसदी प्रोविजन कर लिया है. प्रोविजनिंग का अर्थ है कि बैंक ने संभावित नुकसान की भरपाई के लिए अपने मुनाफे से एक निश्चित राशि अलग रख ली है. 100 फीसदी प्रोविजनिंग का मतलब है कि बैंक ने इस फ्रॉड से होने वाले संभावित नुकसान को पूरी तरह से कवर कर लिया है, जिससे उसके वर्तमान वित्तीय खातों पर इसका कोई सीधा या नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. यह कदम बैंक की मजबूत वित्तीय प्रबंधन नीतियों और जोखिम को कम करने की उसकी क्षमता को दर्शाता है.

NCLT के माध्यम से समाधान प्रक्रिया

SREI ग्रुप की दोनों कंपनियों का मामला कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में चला था. NCLT एक अर्ध-न्यायिक निकाय है जो भारतीय कंपनियों से संबंधित मामलों, विशेष रूप से दिवालियापन और दिवालियापन संहिता के तहत समाधान प्रक्रियाओं को संभालता है. इस प्रक्रिया के तहत, कंपनियों के वित्तीय संकट का समाधान खोजने के लिए एक संरचित दृष्टिकोण अपनाया गया था. अंततः, इन कंपनियों के समाधान को मंजूरी मिल गई, जो एक जटिल कानूनी और वित्तीय प्रक्रिया का परिणाम था.

SREI ग्रुप का उदय और पतन

अगस्त 2023 में, नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (NARCL) की योजना को स्वीकृति मिली, जिसके बाद SREI ग्रुप की कंपनियों के बोर्ड का दोबारा गठन किया गया. NARCL, जिसे 'बैड बैंक' के नाम से भी जाना जाता है, का गठन बैंकों के फंसे हुए कर्जों (NPA) को खरीदने और उनका समाधान करने के लिए किया गया है. NARCL की योजना की स्वीकृति ने SREI ग्रुप के वित्तीय पुनर्गठन और भविष्य की दिशा के लिए एक स्पष्ट मार्ग प्रशस्त किया, जिससे इन कंपनियों के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके. SREI ग्रुप ने 1989 में फाइनेंस सेक्टर में कदम रखा था और जल्द ही कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट के फाइनेंस में अपनी मजबूत पकड़ बना ली थी. यह कंपनी भारत के बुनियादी ढांचा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी, विशेष रूप से निर्माण क्षेत्र में उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके और हालांकि, गलत वित्तीय प्रबंधन और भारी डिफॉल्ट के चलते अक्टूबर 2021 में कंपनी को दिवालिया प्रक्रिया का सामना करना पड़ा. यह घटना कॉर्पोरेट गवर्नेंस और वित्तीय अनुशासन के महत्व पर प्रकाश डालती है.

पंजाब नेशनल बैंक की वर्तमान वित्तीय स्थिति

इस फ्रॉड के खुलासे के बावजूद, PNB की समग्र वित्तीय सेहत मजबूत बनी हुई है. बैंक ने बताया कि सितंबर तिमाही तक उसका प्रोविजन 643 करोड़. रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले अधिक है. यह बढ़ी हुई प्रोविजनिंग बैंक की सतर्कता और भविष्य के जोखिमों के लिए तैयार रहने की क्षमता को दर्शाती है. इसके अलावा, बैंक का प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) अब बढ़कर 96. 91% हो गया है. PCR एक महत्वपूर्ण संकेतक है जो दर्शाता है कि बैंक ने अपने फंसे हुए कर्जों के कितने प्रतिशत के लिए प्रोविजनिंग की है. उच्च PCR को बैंक की एसेट क्वालिटी के लिहाज से एक सकारात्मक संकेत माना जाता है, क्योंकि. यह दर्शाता है कि बैंक अपने संभावित नुकसानों को कवर करने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है.

शेयर बाजार में PNB का प्रदर्शन

शेयर बाजार में, इस खुलासे से पहले PNB का शेयर 0. 50 फीसदी की हल्की गिरावट के साथ 120. 35 रुपये पर बंद हुआ था. हालांकि, लंबी अवधि में बैंक के शेयर ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. साल की शुरुआत से अब तक स्टॉक में करीब 17 फीसदी की बढ़त देखी जा चुकी है, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है और वहीं, पिछले 3 साल के दौरान स्टॉक ने प्रभावशाली 144 फीसदी का रिटर्न दिया है, जो इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाता है. कंपनी का मार्केट कैप 1,39,007 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में इसकी महत्वपूर्ण स्थिति को रेखांकित करता है और pNB का यह प्रदर्शन उसकी आंतरिक मजबूती और बाजार में उसकी स्वीकार्यता को दर्शाता है, भले ही उसे ऐसे फ्रॉड के मामलों से निपटना पड़ रहा हो.

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