Udaipur News: उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर पुलिस-विश्वराज के समर्थक आमने-सामने- राजतिलक की रस्म पर विवाद

Udaipur News - उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर पुलिस-विश्वराज के समर्थक आमने-सामने- राजतिलक की रस्म पर विवाद
| Updated on: 25-Nov-2024 07:14 PM IST
Udaipur News: उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज के राजतिलक की रस्म पर विवाद छिड़ गया। महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए थे।

हालांकि चित्तौड़गढ़ में राजतिलक की रस्म होने के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ परंपरा के तहत धूणी दर्शन के लिए उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे, लेकिन सिटी पैलेस में जाने के गेट (रंगनिवास और जगदीश चौक से अंदर जाने वाला) बंद कर दिए गए थे। हालांकि विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थकों ने बैरिकेड्स हटा दिए और उनके काफिले की 3 गाड़ियां रंग निवास की तरफ चली गई, जहां से जगदीश चौक की तरफ बढ़ी। सबसे आगे विश्वराज सिंह मेवाड़ की गाड़ी है। समर्थक बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

जगदीश चौक पर पहुंची काफिले की 6 गाड़ियां

विश्वराज सिंह मेवाड़ के समर्थक 10 गाड़ियां अंदर ले जाने की मांग कर रहे थे। 10 में से 6 गाड़ियां रंग निवास से जगदीश चौक के बाहर पहुंच गई है। सबसे आगे विश्वराजसिंह मेवाड़ की गाड़ी है। समर्थक बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश कर रहे हैं।

अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने अखबार में आम सूचना प्रकाशित करके एकलिंग मंदिर में भी अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगा दी थी। साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन से भी मदद मांगी थी। सोमवार को उदयपुर कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल सिटी पैलेस पहुंचे। बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की गई।

इससे पहले, चित्तौड़गढ़ में विश्वराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाई गई। लोकतंत्र आने के बाद राजशाही खत्म हो गई है, लेकिन प्रतीकात्मक यह रस्म निभाई जाती है। सोमवार को चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में दस्तूर (रस्म) कार्यक्रम के दौरान खून से राजतिलक की रस्म हुई।

चित्तौड़गढ़ किले में राजतिलक की रस्म के दौरान विश्वराज सिंह को 21 तोपों की सलामी दी गई। विश्वराज एकलिंगनाथजी के 77वें दीवान बन गए हैं। मेवाड़ राजवंश के 77वें महाराणा के लिए पूरे रास्ते में फूल बिछाए गए थे। विभिन्न राजघरानों से आए लोग उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं। विश्वराज वर्तमान में नाथद्वारा से विधायक भी हैं।

उधर, उदयपुर के सिटी पैलेस धूणी दर्शन को लेकर विवाद गहरा गया है। उदयपुर एसपी योगेश गोयल ने कहा- प्रशासन ने मध्यस्थता कराने का प्रयास किया, लेकिन सहमति नहीं बनी। सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। दूसरे पक्ष ने दो विधिक नोटिस जारी कर बिना अनुमति पैलेस में और एकलिंगजी मंदिर में प्रवेश पर चेताया है। दूसरी तरफ विश्वराज सिंह मेवाड़ का पक्ष सिटी पैलेस में जाने के​ लिए अड़ गया।

उदयपुर पूर्व राजघराने में क्या है विवाद?

उदयपुर का सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर उदयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्य अरविंद मेवाड़ के पास है। महेंद्र सिंह मेवाड़ (10 नवंबर 2024 को निधन) उनके सगे बड़े भाई थे। दोनों के पिता भगवत सिंह मेवाड़ के खिलाफ महेंद्र सिंह मेवाड़ ने कोर्ट में कुछ केस दायर कर दिए थे।

1984 में भगवत सिंह मेवाड़ ने महेंद्र सिंह मेवाड़ से संबंध खत्म कर दिए थे। इसके बाद से सिटी पैलेस सहित परिवार की संपत्ति की देखरेख अरविंद मेवाड़ कर रहे हैं। वहीं, महेंद्र सिंह मेवाड़ का परिवार सिटी पैलेस के पास सामोर बाग में रहता है।

भगवत सिंह के निधन के बाद महेंद्र सिंह मेवाड़ के राजतिलक की रस्म निभाई गई थी। अब उनके निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह का राजतिलक किया गया। अरविंद मेवाड़ का दावा है कि महेंद्र सिंह मेवाड़ को पिता भगवत सिंह ने बहिष्कृत कर दिया था और उनकी वसीयत के एग्जीक्युटर वे खुद हैं। इसलिए वे सिटी पैलेस और एकलिंग मंदिर में उन्हें राजतिलक की रस्म निभाने नहीं देना चाहते।

दोनों परिवारों के बीच संपत्तियों को लेकर भी विवाद चल रहा है। इसको लेकर कोर्ट ने महेंद्र सिंह मेवाड़, अरविंद सिंह मेवाड़ और उनकी बहन योगेश्वरी कुमारी को सिटी पैलेस, शाही निवास सहित सभी संपत्ति 4-4 साल के लिए देने का आदेश दिया था। हालांकि बाद में उस पर स्टे मिल गया। तब से उदयपुर के पूर्व राजघराने की ज्यादातर संपत्ति अरविंद सिंह मेवाड़ के अधिकार में है।

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