PM Modi: आबादी सिर्फ 12 लाख, दूरी 5000 Km... PM मोदी इस देश को क्यों इतना भाव दे रहे?

PM Modi - आबादी सिर्फ 12 लाख, दूरी 5000 Km... PM मोदी इस देश को क्यों इतना भाव दे रहे?
| Updated on: 25-Jun-2025 12:40 PM IST

PM Modi: कहने को तो यह महज 12 लाख की आबादी वाला देश है, लेकिन हिंद महासागर में इसकी रणनीतिक अहमियत काफी बड़ी है। 48% हिंदू आबादी वाला यह छोटा-सा द्वीपीय देश भारत से लगभग 5100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है—नाम है मॉरीशस। हाल के वर्षों में यह भारत की विदेश नीति का एक अहम स्तंभ बनकर उभरा है। विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने मॉरीशस को न केवल सांस्कृतिक साझेदार के रूप में देखा, बल्कि एक सामरिक सहयोगी के रूप में भी तवज्जो दी है।

पीएम मोदी की नवीन रामगुलाम से बातचीत

मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से फोन पर बातचीत की। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मुझे अपने मित्र प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम से बात करके खुशी हुई। हमने भारत-मॉरीशस रणनीतिक साझेदारी और क्षेत्रीय विकास को और मजबूत करने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।” पीएम मोदी ने उन्हें 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद भी दिया।

मार्च में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा

मार्च 2025 में पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस गए थे, जहां वे देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह दूसरी बार था जब उन्होंने यह सम्मान पाया—पहली बार वे 2015 में भी मुख्य अतिथि रह चुके हैं। इस बार उन्हें मॉरीशस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा गया, जो किसी भारतीय नेता को पहली बार मिला।

विजन सागर से विजन महासागर

भारत की समुद्री नीति ने अब ‘विजन सागर’ से ‘विजन महासागर’ की ओर कदम बढ़ाया है। यह बदलाव केवल शब्दों का नहीं, रणनीति का है—जहां पहले समुद्री सुरक्षा पर ज़ोर था, अब आर्थिक सहयोग, संसाधनों की साझेदारी और चीन के प्रभाव की काट जैसे बड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

‘विजन महासागर’ में मॉरीशस की भूमिका बेहद अहम है। भारत की यह नीति न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि भारतीय नौसेना की उपस्थिति को भी समुद्री मार्गों में विस्तार देती है। मॉरीशस के साथ भारत के सैन्य अभ्यास, सूचना साझा करना और तटीय निगरानी जैसी गतिविधियाँ इसका प्रमाण हैं।

भारत-मॉरीशस: संकट में भी साथ

भारत ने हमेशा मॉरीशस के साथ संकट में खड़े होकर भरोसे का रिश्ता निभाया है—चाहे वह 2020 का वाकाशियो ऑयल स्पिल हो या कोविड-19 महामारी। भारत पहला देश था जिसने 2021 में मॉरीशस को कोविशील्ड की 1 लाख मुफ्त खुराकें भेजीं। इसके बाद वाणिज्यिक आधार पर और भी टीके भेजे गए।

आर्थिक संबंधों की गहराई

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने मॉरीशस को 778.03 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया, जबकि आयात केवल 73.10 मिलियन डॉलर का रहा। कुल व्यापार 851.13 मिलियन डॉलर का था, जो 2005-06 के 206.76 मिलियन डॉलर से चार गुना से अधिक हो चुका है। यह दिखाता है कि भारत न केवल रणनीतिक, बल्कि आर्थिक रूप से भी मॉरीशस के साथ संबंधों को गहरा कर रहा है।

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