देश: नवजोत सिंह सिद्धू के ट्वीट के बाद राहुल गांधी से मिले प्रशांत किशोर
देश - नवजोत सिंह सिद्धू के ट्वीट के बाद राहुल गांधी से मिले प्रशांत किशोर
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Updated on: 13-Jul-2021 04:40 PM IST
नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Poll Strategist Prashant Kishore) ने मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात की। प्रशांत किशोर और राहुल गांधी की ये मुलाकात (Prashant Kishore Rahul Gandhi Meeting) पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के दिल्ली स्थित आवास पर हुई। बता दें ये मुलाकात कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के ट्वीट के बाद हुई है। नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करके कहा है कि "हमारी विपक्षी पार्टी आम आदमी ने हमेशा पंजाब के लिए मेरे विजन और काम को पहचाना है। 2017 से पहले की बात हो तो बेअदबी, ड्रग्स, किसानों के मुद्दे, भ्रष्टाचार और बिजली संकट का सामना पंजाब के लोगों ने मेरे द्वारा किया या आज जैसा कि मैं "पंजाब मॉडल" पेश करता हूं, यह स्पष्ट है कि वे (AAP) जानते हैं, वास्तव में पंजाब के लिए कौन लड़ रहा है।" बता दें आम आदमी पार्टी के विधायक भगवंत मान ने भी ट्वीट कर सिद्धू की तारीफ की है। सिद्धू के इस वीडियो को शेयर करने के बाद कांग्रेस में हलचल मच गई है। इसके अलावा सिद्धू भी लगातार सोशल मीडिया के जरिए पार्टी के भीतर असंमजस की स्थिति को बनाए हुए हैं। बता दें कांग्रेस की पंजाब इकाई में मची कलह को शांत करने के लिए जारी प्रयासों के बीच कुछ दिन पहले पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ लंबी मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इन बैठकों में कांग्रेस आलाकमान की ओर से सिद्धू को पार्टी या संगठन में सम्मानजनक स्थान की पेशकश के साथ मनाने का प्रयास किया गया था। हालांकि अभी भी पंजाब कांग्रेस में मची हलचल शांत नहीं हो सकी है क्या है पंजाब कांग्रेस में जारी विवाद2017 मार्च में पंजाब में हुए विधानसभा चुनावोंं (Assembly elections 2017) के दौरान भाजपा छोड़ चुके नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति में नए विकल्प तलाश कर रहे थे। ऐसा कहा जाता है कि आम आदमी पार्टी से लेकर कई अन्य मोर्चों में शामिल होने के उनके पास कई विकल्प थे। कांग्रेस हाईकमान से भी इनकी बात चल रही थी। इसके बाद सिद्धू चुनाव से करीब दो माह पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनाव प्रचार के दौरान से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि अगर कांग्रेस सरकार बनती है तो उनका डिप्टी सीएम बनना तय है। ऐसा माना जा रहा था कि वे डिप्टी सीएम बनने की शर्त पर ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने इस बात को कभी सार्वजनिक नहीं किया था।चुनाव में कांग्रेस ने 117 में से 77 सीटें अप्रत्याशित रूप से जीतीं। कैप्टन अमरिंदर का मुख्यमंत्री बनना पहले से तय था ऐसे में सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा जोरों पर थी। सिद्धू भी इस बात को लेकर आश्वस्त थे। शपथ ग्रहण समारोह से पहले सिद्धू की उम्मीदों पर तब पानी फिर गया जब कैप्टन ने यह कहा कि पंजाब को डिप्टी सीएम की जरूरत ही क्या है। इसके बाद सिद्धू को स्थानीय निकाय और पर्यटन मंत्रालय दे दिया गया। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इसके बाद से ही सिद्धू और कैप्टन के बीच खटास पैदा हो गई।
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