President Rule In Manipur: मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, सीएम बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को दिया था इस्तीफा

President Rule In Manipur - मणिपुर में लगा राष्ट्रपति शासन, सीएम बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को दिया था इस्तीफा
| Updated on: 13-Feb-2025 08:07 PM IST

President Rule In Manipur: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। इससे पहले 9 फरवरी को राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। उनका यह इस्तीफा राज्य में जारी जातीय हिंसा के करीब दो वर्षों बाद आया। उनके शासन के दौरान उत्पन्न विभिन्न मुद्दों को लेकर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। उनके इस्तीफे के बाद से ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की अटकलें तेज हो गई थीं।

संवैधानिक परिप्रेक्ष्य

भारतीय संविधान के तहत, किसी भी राज्य की विधानसभा की दो बैठकों के बीच अधिकतम 6 महीने का अंतराल होना चाहिए। मणिपुर विधानसभा के मामले में यह अवधि बुधवार को समाप्त हो गई, और इस दौरान किसी भी पार्टी या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया।

विधानसभा सत्र का स्थगन

मणिपुर विधानसभा का सत्र 10 फरवरी से शुरू होना था, लेकिन मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। इसी बीच, कांग्रेस द्वारा बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही थी। हालांकि, अब सभी राजनीतिक अटकलों पर विराम लग गया है और राज्य में राष्ट्रपति शासन प्रभावी हो गया है।

राष्ट्रपति शासन का प्रभाव

राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्य की शासन व्यवस्था में व्यापक बदलाव होते हैं। राज्य का प्रशासन राष्ट्रपति के नियंत्रण में आ जाता है, जो अपने प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल को प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी सौंपते हैं। इसके तहत, राज्यपाल केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रशासनिक कार्यों को अंजाम देते हैं।

कानून निर्माण पर प्रभाव

सामान्यतः राज्य में कानून बनाने की शक्ति विधानसभा के पास होती है, लेकिन राष्ट्रपति शासन के दौरान यह शक्ति संसद के पास चली जाती है। यदि संसद सत्र में न हो, तो राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं। राष्ट्रपति शासन अधिकतम 6 महीने के लिए लगाया जाता है, लेकिन इसे संसद की अनुमति से 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है।

राष्ट्रपति शासन लागू होने की परिस्थितियाँ

संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत, राष्ट्रपति शासन उन परिस्थितियों में लगाया जाता है जब:

  1. राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों को लागू करने में विफल हो जाए।

  2. कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो जाए।

  3. सरकार अल्पमत में आ जाए और स्थिर सरकार न बन सके।

  4. भ्रष्टाचार, विद्रोह, आपदा या अन्य कारणों से सरकार विफल हो जाए।

निष्कर्ष

मणिपुर में लंबे समय से जारी जातीय हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के चलते राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। इससे राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में स्थिरता लाने की कोशिश की जाएगी। अब राज्य की सभी प्रशासनिक शक्तियाँ केंद्र सरकार के नियंत्रण में रहेंगी, जिससे आगे की परिस्थितियाँ तय होंगी।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।