देश: प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक,30 जनवरी को होगी आम बजट पर चर्चा

देश - प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक,30 जनवरी को होगी आम बजट पर चर्चा
| Updated on: 20-Jan-2021 12:02 PM IST
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में 30 जनवरी को एक सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) आयोजित की जाएगी. इस बैठक में फरवरी में पेश किए जाने वाले आम बजट पर चर्चा होगी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने बुधवार को बताया कि सभी दलों के नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है. कोरोना महामारी के मद्देनजर वर्चुअली होनी वाली इस बैठक में बजट को लेकर चर्चा की जाएगी. बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, थवारचंद गहलोत, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, अर्जुन मेघवाल और वी मुरलीधरन भी मौजूद रहेंगे.   


हर सत्र से पहले होती है Meeting

संसद सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है, ताकि कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जा सके. हालांकि, इस बार सत्र शुरू होने के एक दिन बाद यह बैठक हो रही है. संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा. सत्र के दौरान एक फरवरी को संसद में वित्‍त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया जाएगा. न्यूज  एजेंसी PTI से बात करते हुए प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने बताया कि 30 जनवरी को होने वाली बैठक में सरकार बजट को लेकर अपना पक्ष रखेगी और विपक्ष के सुझावों को सुनेगी. 


दो हिस्सों में चलेगा Session

लोकसभा सचिवालय के मुताबिक बजट सत्र दो हिस्सों में चलेगा. पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा और दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा. संसदीय कार्यवाही दो पारियों में होगी. सुबह राज्यसभा चलेगी और शाम को लोकसभा. वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को महामारी के बीच बजट सत्र आयोजित करने को लेकर शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.


COVID जांच कराने का अनुरोध:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बजट सत्र से पहले सभी सांसदों से COVID-19 जांच कराने का अनुरोध किया जाएगा और इसके लिए संसद परिसर में 27 जनवरी से व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और सेनिटाइजेशन जैसे सभी एहतियाती नियमों का पालन किया जाएगा. बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया गया था. इस पर विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकार किसानों के विरोध प्रदर्शन एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा करने से भाग रही है.

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