Parliament Protest: संसद में मणिपुर पर विरोध, काले कपड़ों में पहुंचा विपक्ष- राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ संशोधन बिल पास

Parliament Protest - संसद में मणिपुर पर विरोध, काले कपड़ों में पहुंचा विपक्ष- राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ संशोधन बिल पास
| Updated on: 27-Jul-2023 05:53 PM IST
Parliament Protest: मणिपुर हिंसा पर गुरुवार (27 जुलाई) को भी संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। हालांकि रुक-रुककर हुई कार्यवाही के बीच लोकसभा में 2 बिल और राज्यसभा में 1 बिल पास हुआ। राज्यसभा ने सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल पास किया, जिसमें पायरेसी के लिए 3 साल की जेल और प्रोडक्शन कॉस्ट का 5% जुर्माने का प्रस्ताव है।

जानिए दोनों सदन में क्या-क्या हुआ...

लोकसभा पूरे दिन में 3 बार स्थगित हुई

हंगामा कर रहे विपक्ष को स्‍पीकर ओम बिड़ला ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा- पूरा देश देख रहा है, आप कैसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं। हंगामा नहीं रुका तो सदन दोपहर 2 बजे तक स्‍थगित कर दिया।

2 बजे दोबारा सदन बैठा, लेकिन नारेबाजी लगातार जारी रही। एस जयशंकर और अधीर रंजन चौधरी के स्टेटमेंट के दौरान जमकर हंगामा हुआ, सदन 3 बजे तक स्थगित किया गया।

हंगामे के बीच 2 बिल जन विश्वास संशोधन और रिपील एंड अमेंडमेंट बिल पास हुआ। इसके बाद कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्‍यसभा से विपक्ष वॉकआउट कर गया

राज्यसभा में शुरुआत में 45 मिनट कार्यवाही चली। विदेश मंत्री एस जयशंकर जब बोल रहे थे तब विपक्ष नारेबाजी करता रहा। जवाब में ‌BJP सांसदों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए।

जवाबी नारेबाजी में विपक्ष 'I.N.D.I.A-I.N.D.I.A' के नारे लगाने लगा। शोर न रुकता देख सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को पहले 12 बजे तक, फिर 2 बजे तक स्थगित किया।

तीसरी बार जब कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। इसके बाद सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 में संशोधन करने वाला बिल ध्वनि मत से पारित हो गया।

खड़गे की संजय सिंह काे सलाह- रातभर प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के निलंबित राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को सलाह दी कि वे रात भर धरने पर न बैठें। बजाय इसके वे हर दिन संसद की कार्यवाही समाप्त होने पर अपना प्रदर्शन भी खत्म कर दिया करें।

वहीं, PM मोदी के राजस्थान दौरे पर खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी संसद में नहीं बल्कि राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं। खड़गे ने कहा कि लोग अब जागरूक हो गए हैं और इस तरह की राजनीति के खिलाफ लड़ेंगे। आप लोकतंत्र के मंदिर संसद में बात नहीं करना चाहते हैं, लेकिन राजस्थान में नए मेडिकल कॉलेज खोलने पर राजनीतिक भाषण दे रहे हैं।

संसद के मानसून सत्र के अपडेट्‌स...

सपा नेता, राम गोपाल यादव ने कहा, 'कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा... हर कोई काले कपड़े पहनेगा या अपनी बांह पर काला कपड़ा बांधेगा... हम चिंतित हैं क्योंकि मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है, जहां सैन्य शासन है और आतंकवादियों को पनाह देता है।'

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, 'हमारी मांग थी कि PM खुद आकर बोलें। पता नहीं क्यों प्रधानमंत्री नहीं बोल रहे हैं। हमें मजबूरन अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। ये हमारी मजबूरी है। हम जानते हैं कि इससे सरकार नहीं गिरेगी।'

जनता दल (U) ने राज्यसभा में अपने सांसदों को दिल्ली सेवाओं पर केंद्र के विधेयक के खिलाफ वोटिंग करने के लिए राज्यसभा में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत-चीन बॉर्डर के हालात पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

विपक्षी गठबंधन ने राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक का बायकॉट किया। इस कमेटी में जयराम रमेश, मीसा भारती और डेरेक ओब्रायन सदस्य हैं।

कांग्रेस ने पेश किया नो-कॉन्फिडेंस मोशन

मानसून सत्र के पांचवें दिन 26 जुलाई को कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दे दी। स्पीकर ने नियमों के तहत 50 से ज्यादा सांसदों के समर्थन के बाद कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय, सभी दलों से बातचीत के बाद तय करेंगे।

मोदी की भविष्यवाणी वाला 2018 का बयान वायरल

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की भविष्यवाणी PM मोदी ने 5 साल पहले ही कर दी थी। दरअसल, 2018 में जब संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, तब लोकसभा में जवाब देते हुए PM मोदी ने कहा था, "मैं आपको शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप इतनी तैयारी करें कि आपको 2023 में फिर से अविश्वास लाने का मौका मिले।"

अविश्वास प्रस्ताव से जुड़ी वे बातें जो आप जानना चाहते हैं....

1. अविश्वास प्रस्ताव लाने के पीछे विपक्ष का मकसद क्या है

विपक्ष जानता है कि सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा। यानी बहस के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरकर वे धारणा की लड़ाई जीत लेंगे।

हालांकि, सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर बहस का जवाब देंगे।

2. प्रस्ताव को 50 सांसदों ने समर्थन दिया, ये आंकड़ा जरूरी था

कांग्रेस जो अविश्वास प्रस्ताव लाई, उसे 50 सांसदों का समर्थन मिला। यह आंकड़ा रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ लोकसभा के रूल 198 के तहत आता है। इसके पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले को सुबह 10 बजे लिखित सूचना देनी होती है। जिसे अध्यक्ष सदन में पढ़ते हैं। समर्थन मिलने के बाद अध्यक्ष बहस की तारीख बताते हैं। यानी प्रस्ताव स्वीकृत होने के 10 दिन के अंदर बहस होगी।

अगर ऐसा नहीं होता, तो प्रस्ताव फेल हो जाता है और इसे लाने वाले सदस्य को इसी सूचना दे दी जाती है। वहीं दूसरी तरफ अगर सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाती तो उसे इस्तीफा देना पड़ता है।

3. लोकसभा में क्या है सरकार की मौजूदा स्थिति

लोकसभा में वर्तमान में 543 सीटें हैं। जिनमें से पांच खाली हैं। अभी लोकसभा में NDA के 335 सांसद हैं। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के 140 से ज्यादा सांसद हैं। वहीं 60 से सांसद उन पार्टियों के हैं जो न तो NDA से जुड़े हैं न I.N.D.I.A से।

मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 को आया था। तब सरकार को 325, विपक्ष को 126 वोट मिले थे।

पहला अविश्वास प्रस्ताव नेहरू सरकार के खिलाफ 1963 में जेबी कृपलानी लाए थे। तब से अब तक 26 बार अविश्वास प्रस्ताव लाए जा चुके हैं।

केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल लाएगी, सत्र में 17 बैठकें होंगी

मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं, वहीं 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके हैं। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है।

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