Cheteshwar Pujara: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। लंबे समय से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे पुजारा ने अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया है। उनकी जगह अब कई युवा खिलाड़ी भारतीय टीम में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, जो टीम को नई दिशा दे रहे हैं।
चेतेश्वर पुजारा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संन्यास की घोषणा की। उन्होंने भावुक पोस्ट में लिखा, "भारतीय जर्सी पहनना, राष्ट्रगान गाना और हर बार मैदान पर कदम रखते ही पूरी कोशिश करना, इसका मतलब शब्दों में बयां करना मुश्किल है। जैसा कि कहते हैं, हर चीज का अंत होना ही होता है। मैंने भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का फैसला किया है।" इस पोस्ट के जरिए उन्होंने अपने प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों को अपने करियर के इस अहम फैसले की जानकारी दी।
चेतेश्वर पुजारा ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। अपने पहले ही मैच से उन्होंने अपनी तकनीकी दक्षता और धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी से सभी का ध्यान खींचा। राहुल द्रविड़ के बाद उन्हें टेस्ट क्रिकेट की नई 'दीवार' कहा जाने लगा। उनकी क्रीज पर टिकने की असाधारण क्षमता और मजबूत डिफेंस ने गेंदबाजों के लिए उन्हें आउट करना हमेशा चुनौतीपूर्ण बनाया। उनकी तकनीक और धैर्य ने उन्हें भारतीय टेस्ट टीम का अभिन्न हिस्सा बनाया।
पुजारा ने अपने टेस्ट करियर में 103 मैच खेले और कुल 7195 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 19 शतक और 35 अर्धशतक निकले। उनका आखिरी टेस्ट मैच 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में था, जिसके बाद से वह टीम से बाहर थे। इसके अलावा, उन्होंने भारत के लिए 5 वनडे मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 51 रन बनाए। हालांकि, उनका असली प्रभाव टेस्ट क्रिकेट में देखने को मिला, जहां उन्होंने बार-बार अपनी काबिलियत साबित की।
चेतेश्वर पुजारा का सबसे यादगार योगदान 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में रहा, जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर 2-1 से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इस सीरीज में पुजारा ने 521 रन बनाए, जिसमें उनकी धैर्यपूर्ण और दमदार बल्लेबाजी ने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' का अवॉर्ड भी मिला।
पुजारा के संन्यास के साथ ही भारतीय टेस्ट टीम में अब युवा खिलाड़ियों को और मौके मिलने की उम्मीद है। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल जैसे युवा बल्लेबाज पहले ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। पुजारा की विदाई भारतीय क्रिकेट के एक युग का अंत है, लेकिन उनका योगदान हमेशा प्रशंसकों के दिलों में जिंदा रहेगा।
चेतेश्वर पुजारा का क्रिकेट करियर न केवल उनकी मेहनत और लगन का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि धैर्य और तकनीक के दम पर बड़े से बड़े गेंदबाजों को चुनौती दी जा सकती है। भारतीय क्रिकेट में उनकी 'दीवार' की भूमिका को हमेशा याद किया जाएगा।
Wearing the Indian jersey, singing the anthem, and trying my best each time I stepped on the field - it’s impossible to put into words what it truly meant. But as they say, all good things must come to an end, and with immense gratitude I have decided to retire from all forms of… pic.twitter.com/p8yOd5tFyT
— Cheteshwar Pujara (@cheteshwar1) August 24, 2025