Russia-Ukraine War: पुतिन का यूक्रेन के साथ शांति वार्ता को लेकर बड़ा बयान, भारत का नाम लेकर कही ये बात

Russia-Ukraine War - पुतिन का यूक्रेन के साथ शांति वार्ता को लेकर बड़ा बयान, भारत का नाम लेकर कही ये बात
| Updated on: 05-Sep-2024 05:00 PM IST
Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए यूक्रेन-रूस संघर्ष में संभावित शांति वार्ताओं को लेकर नई दिशा दिखाई है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि चीन, भारत और ब्राजील जैसे प्रमुख देशों को यूक्रेन पर संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ के रूप में शामिल किया जा सकता है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य संघर्ष को समाप्त करने और शांति स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाना है।

ईस्टर्न इकॉमिक फोरम में पुतिन का बयान

राष्ट्रपति पुतिन ने यह बयान रूस के अमूर क्षेत्र में आयोजित ईस्टर्न इकॉमिक फोरम में दिया। उन्होंने उल्लेख किया कि युद्ध के शुरुआती दिनों में इस्तांबुल में हुई वार्ता के दौरान रूस और यूक्रेन के बीच एक प्रारंभिक समझौता हुआ था, जिसे बाद में लागू नहीं किया गया था। पुतिन का कहना है कि इस समझौते को शांति वार्ताओं के लिए आधार बनाया जा सकता है, जो कि एक संभावित समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

चीन, भारत और ब्राजील का संभावित मध्यस्थ भूमिका

पुतिन ने विशेष रूप से चीन, भारत और ब्राजील के संभावित मध्यस्थ की भूमिका की बात की। उनका कहना था कि ये देश शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं और उनके शामिल होने से बातचीत में नई ऊर्जा और दिशा मिल सकती है। इस प्रस्ताव से स्पष्ट होता है कि रूस इस संघर्ष को बातचीत के माध्यम से सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है।

पीएम मोदी की यात्राएं और उनका महत्व

राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की यात्राओं के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने हाल ही में रूस और यूक्रेन दोनों का दौरा किया था। रूस की यात्रा के दौरान उन्हें राष्ट्रपति पुतिन द्वारा रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल, प्रदान किया गया था। वहीं, अगस्त में पीएम मोदी ने यूक्रेन का दौरा किया और कीव में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। इन यात्राओं ने वैश्विक स्तर पर कई चर्चाओं को जन्म दिया और शांति वार्ता की संभावनाओं को प्रोत्साहित किया।

निष्कर्ष

पुतिन का यह बयान यूक्रेन-रूस संघर्ष में एक नई उम्मीद की किरण ला सकता है। चीन, भारत और ब्राजील की मध्यस्थता की संभावना शांति वार्ता को नया मोड़ दे सकती है। इस प्रस्तावित भूमिका के माध्यम से उम्मीद की जा रही है कि संघर्ष के समाधान की दिशा में एक सार्थक प्रयास हो सकेगा। यह स्थिति न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है।

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