India-China: चीन ने अपने J-20 को बताया राफेल से बेहतर, पूर्व IAF चीफ धनोआ ने खोली पोल

India-China - चीन ने अपने J-20 को बताया राफेल से बेहतर, पूर्व IAF चीफ धनोआ ने खोली पोल
| Updated on: 31-Jul-2020 12:41 PM IST
India-China: पूर्व एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने शुक्रवार को चीन के उस दावे की पोल खोल दी जिसमें उसने कहा है कि उसके जे-20 लड़ाकू विमान राफेल से बेहतर हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक 'एक्सपर्ट' के हवाले से कहा कि राफेल सुखोई-30 MKI जेट से बहेतर जरूर है, लेकिन J-20 के सामने नहीं टिकता। 

कम्युनिस्ट पार्टी की प्रोपेगेंडा वेबसाइट ने एक कथित मिलिट्री एक्सपर्ट झांग शूफेंग के हवाले से कहा, ''यह केवल एक चौथाई जेनरेशन अडवांस है और गुणवत्ता के मामले में इसमें अधिक बदलाव नहीं हैं।'' वेबसाइट ने एक अनाम एक्सपर्ट के हवाले से कहा कि राफेल केवल थर्ड प्लस जेनरेशन का फाइटर जेट है और J-20 के सामने उसकी नहीं चलेगी।''

रापेल को 4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट बताने वाले वायुसेना के पूर्व चीफ बीएस धनोआ ने दो साधारण सवालों के जरिए चीन के दावे की पोल खोलकर रख दी। धनोआ ने पूछा, ''यदि J-20 वास्तव में पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट है तो इस पर कनार्ड्स क्यों हैं, जबकि अमेरिका के पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों F22, F35 और रूस की पांचवीं पीढ़ी के Su 57 में ये नहीं हैं।'' कनार्ड्स विमान के नियंत्रण में सुधार के लिए मुख्य विंग के आगे लगे होते हैं।  

धनोआ ने कहा, ''मैं नहीं मानता कि J-20 इतने शक्तिशाली हैं कि उन्हें पांचवी पीढी का कहा जाए क्योंकि कनार्ड रडार सिग्नेचर को बढ़ा देता है लॉन्ग रेंज के मीटीअर मिसाइलों को पोजिशन बता देता है, जो राफेल में लगे हैं।''

पूर्व वायुसेना चीफ ने चीन से दूसरा सवाल पूछा कि यदि J-20 का उत्पादतक चेंगदू एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन इसे 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट बताता है तो इसमें सुपरक्रूज की क्षमता क्यों नहीं है? सूपरक्रूज वह क्षमता है जिससे फाइटर जेट आफ्टरबर्न्स का इस्तेमाल किए बिना M 1.0 (साउंड की गति) की अधिक स्पीड से उड़ सकते हैं।  

धनोआ ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, ''राफेल में सुपरक्रूज की क्षमता है और रडार सिग्नेचर की तुलना दुनिया के सबसे अच्छे फाइटर जेट्स से की जा सकती है।'' धनोआ Sukhoi 30 MKI के साथ ही भारत के सभी अच्छे फाइटर प्लेन उड़ा चुके हैं। बालाकोट एयरस्ट्राइक की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ धनोआ ने ही संभाली थी। 

वायुसेना के टॉप पोस्ट से रिटायर हो चुके धनोआ ने इस सप्ताह चाइनीज प्रोपेगेंडा की धज्जियां उड़ाईं और कहा कि यदि चाइनीज हथियार वास्तव में अच्छे होते तो 27 फरवरी 2019 को राजौरी में नांगी तेकरी पुल पर हमले के लिए चीन ने अमेरिका के F-16 की जगह चाइनीज JF-17 को  चुना होता। लेकिन चीन ने JF-17 का इस्तेमाल केवल मिराज 3/5 को एयर डिफेंस कवर देने के लिए किया।      

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।