Rahul Gandhi News: राहुल गांधी पर भाजपा सांसद को धक्का देने का आरोप- कांग्रेस सांसद का आया बयान

Rahul Gandhi News - राहुल गांधी पर भाजपा सांसद को धक्का देने का आरोप- कांग्रेस सांसद का आया बयान
| Updated on: 19-Dec-2024 01:04 PM IST
Rahul Gandhi News: संसद का मानसून सत्र एक बार फिर विवादों के घेरे में है। बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि राहुल ने एक सांसद को धक्का दिया, जिसकी वजह से वह सांसद सारंगी के ऊपर गिर गए। इस घटना के कारण सारंगी को चोट आई और उनके सिर से खून निकलता देखा गया। इस घटना ने संसद के भीतर और बाहर तीखी राजनीतिक बहस छेड़ दी है।

प्रताप चंद्र सारंगी का बयान

प्रताप चंद्र सारंगी ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, "मैं संसद की सीढ़ियों के पास खड़ा था। इसी दौरान राहुल गांधी ने एक सांसद को धक्का दिया, जिसकी वजह से वह मेरे ऊपर गिर गया। इस हादसे में मुझे सिर पर चोट लगी।"

सारंगी द्वारा लगाए गए आरोप को लेकर संसद में माहौल गरमा गया है। वीडियो फुटेज में सारंगी के सिर पर चोट के निशान देखे जा सकते हैं। यह घटना उस समय हुई, जब सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे।

राहुल गांधी का जवाब

राहुल गांधी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, "जब मैं संसद में प्रवेश कर रहा था, बीजेपी के सांसद हमें रोकने की कोशिश कर रहे थे। संसद में जाना हमारा अधिकार है, लेकिन बीजेपी सदस्य हमें धमका रहे थे। इसी दौरान कुछ धक्का-मुक्की हुई।"

राहुल गांधी ने कहा कि असल मुद्दा यह है कि बीजेपी संविधान पर आक्रमण कर रही है और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा, "धक्का-मुक्की मेरे साथ भी हुई, लेकिन यह सब चलता रहता है।"

सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनाव

इस घटना के बाद बीजेपी और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। सत्तापक्ष का कहना है कि विपक्ष संसद के कामकाज में बाधा डाल रहा है, जबकि विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार संविधान और लोकतंत्र का दमन कर रही है।

घटनाक्रम का राजनीतिक पहलू

धक्का-मुक्की की यह घटना केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। विपक्ष द्वारा अंबेडकर के विचारों की दुहाई देना और सत्तापक्ष द्वारा विपक्ष पर संविधान के अपमान का आरोप लगाना, यह दर्शाता है कि दोनों पक्ष अपने-अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में जुटे हुए हैं।

निष्कर्ष

संसद लोकतंत्र का मंदिर है, जहां देश के विकास और जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन ऐसी घटनाएं न केवल संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि जनता के बीच राजनीतिक नेताओं की छवि को भी धूमिल करती हैं। आवश्यक है कि दोनों पक्ष संयम बरतें और देशहित में रचनात्मक चर्चा को प्राथमिकता दें।

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