Rahul Gandhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में देश की गिरती विकास दर और बढ़ती आर्थिक समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भारत की
जीडीपी ग्रोथ रेट दो साल में सबसे निचले स्तर 5.4% पर आ गई है। राहुल गांधी ने तर्क दिया कि जब तक अर्थव्यवस्था का लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से नहीं पहुंचेगा, देश तरक्की नहीं कर सकता।
आर्थिक आंकड़ों पर राहुल गांधी की चिंता
राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर कई अहम आंकड़े साझा किए।
- महंगाई दर: उन्होंने बताया कि खुदरा महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर पहुंच गई है।
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल: पिछले साल की तुलना में आलू और प्याज की कीमतों में 50% तक की बढ़ोतरी हुई है।
- रुपया कमजोर हुआ: भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 84.50 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।
बेरोजगारी और आय में गिरावट
कांग्रेस नेता ने देश में बेरोजगारी को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
- आमदनी में गिरावट: पिछले पांच वर्षों में मजदूरों, कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों की आय स्थिर या कम हो गई है।
- मांग में कमी: आय में कमी के कारण बाजार में उपभोक्ता मांग भी घट रही है। उदाहरण के तौर पर, 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री में गिरावट आई है।
घर और एफएमसीजी सेक्टर पर असर
राहुल गांधी ने कहा कि सस्ते घरों की बिक्री में भारी गिरावट आई है।
- सस्ते घरों की हिस्सेदारी: पिछले साल के 38% के मुकाबले यह घटकर 22% रह गई है।
- एफएमसीजी उत्पादों की मांग में गिरावट: घरेलू उपयोग के सामान की मांग पहले से कम हो रही है।
नोटबंदी और जीएसटी की आलोचना
राहुल गांधी ने नोटबंदी और जीएसटी को देश की अर्थव्यवस्था पर "सबसे बड़ी चोट" बताया। उन्होंने कहा कि इन नीतियों की वजह से
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान 50 सालों में सबसे निचले स्तर 13% पर पहुंच गया है।
समाधान की जरूरत
राहुल गांधी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नई सोच और रणनीति की जरूरत है।
- समान अवसर: उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक किसानों, मजदूरों, मध्यम वर्ग और गरीबों को समान अवसर नहीं मिलेगा, तब तक विकास असंभव है।
- न्यू डील की आवश्यकता: उन्होंने एक नई आर्थिक नीति, जिसे उन्होंने "न्यू डील" कहा, को लागू करने का सुझाव दिया। यह नीति व्यवसाय और रोजगार दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगी।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का यह बयान न केवल केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा करता है। उनकी बातों से यह स्पष्ट है कि भारत को समान अवसर और सबकी भागीदारी पर आधारित एक समावेशी अर्थव्यवस्था की जरूरत है।