देश: कांग्रेस बागियों से बेहाल, जानिए घरेलू झगड़ों को कैसे संभालती है BJP

देश - कांग्रेस बागियों से बेहाल, जानिए घरेलू झगड़ों को कैसे संभालती है BJP
| Updated on: 20-Jul-2020 12:55 PM IST
नई दिल्ली | 17 जून को जब मणिपुर में ए बीरेन सिंह की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार से नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों ने समर्थन वापस लिया और सरकार को गिराने की धमकी दी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का केंद्रीय नेतृत्व तुरंत एक्शन में आ गया। संकट से निपटने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तुरंत असंतुष्ट विधायकों और एनपीपी चीफ कोनार्ड संगा से मुलाकात की। 25 जून तक यह संकट खत्म हो गया। इसी तरह के हस्तक्षेप से फरवरी में बीजेपी ने संभावित संकट को कर्नाटक में टाल दिया, जहां कई नेता कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से असंतुष्ट थे। 

राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट की कांग्रेस सरकार से बगावत के बाद पार्टियों में शिकायतों के निपटारे को लेकर मौजूद तंत्र ने ध्यान खींचा है। राजस्थान में कांग्रेस का यह संकट मध्य प्रदेश में सरकार गंवाने के कुछ ही महीनों के बाद आया है। एमपी में कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और राज्य में बीजेपी सरकार की वापसी हो गई। दोनों ही घटनाओं में बागियों ने शिकायत निपटारा सिस्टम को लेकर असंतोष व्यक्त किया है।  

बीजेपी के महासचिव और हरियाणा-छत्तीसगढ़ के प्रभारी अनिल जैन ने कहा कि पार्टी में शिकायत निपटारे के लिए कई सिस्टम हैं। उन्होंने कहा, ''फैसले सामूहिक रूप से लिए जाते हैं। यह पार्टी का नियम है किसी व्यक्ति की पसंद नहीं। इसलिए टकराव नहीं होते हैं। हमारी पार्टी व्यक्ति केंद्रित नहीं है। यह विचारधारा पर आधारित है।'' जैन ने ही हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके कैबिनेट साथी अनिल विज के बीच मतभेद दूर किए थे। 

बिहार के प्रभारी और महासचिव भूपेंद्र यादव भी इस मुद्दे पर जैन की बात दोहराते हैं। उन्होंने कहा, ''पार्टी में शिकायतों को दूर करने का सिस्टम है और फैसले लोकतांत्रिक रूप से लिए जाते हैं। एक अंतर यह है कि बीजेपी में फैसले लेने वाली सर्वोच्च ईकाई संसदीय बोर्ड है जबकि कांग्रेस में गांधी परिवार।''

एक तीसरे बीजेपी नेता ने नाम गोपनीय रखने की अपील करते हुए कहा कि तनाव और मतभेद सभी पार्टियों में होते हैं और इन्हें दूर करने के लिए सभी पार्टियों में सेफ्टी वॉल्व भी होते हैं। उन्होंने आगे कहा, ''व्यक्तियों के बीच मतभेद कोई नई बात नहीं है। हमने देखा है कि यह सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू के बीच हुआ, एलके आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी के बीच हुआ। ऐसे मामलों में, ये नेता एक दूसरे के पूरक होते थे या यहां तक कि दूसरे नेता के सामने समर्पण भी करते थे।''

उन्होंने कहा कि आडवाणी ने वाजपेयी से मतभेद जताया था। बीजेपी में एक तीसरी शक्ति भी है जो कई बार सेफ्टी वॉल्व के रूप में काम करती है- यह है राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ। बीजेपी नेता ने कहा, ''आरएसएस को एक दोस्त, विचारक और मार्गदर्शक के रूप में देखा जा सकता है। लोग आरएसएस पदाधिकारियों से अपने विचार साझा करते हैं और उनसे सलाह भी लेते हैं।''

हालांकि यह भी साफ है कि बीजेपी में भी सारे झगड़े शांति से नहीं सुलझते हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्री रहे यशवंत सिन्हा साइड लाइन किए जाने का आरोप लगाकर पार्टी से अलग हो गए। वह मोदी सरकार को आए दिन घेरते हैं और इन दिनों केंद्र सरकार के सबसे कटु आलोचकों में से एक हैं। पिछले कुछ सालों में शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेता पार्टी से अलग हो गए। 

कांग्रेस नेता प्रणव झा इस बात को खारिज करते हैं कि उनकी पार्टी शिकायत निपटारे का सिस्टम ठीक नहीं है। वह कहते हैं कि बीजेपी में मतभेदों को बलपूर्वक कुचल डाला जाता है। उन्होंने कहा, ''एलके आडवाणी से लेकर उमा भारती और सुषमा स्वराज इसके उदाहरण हैं। इसके उलट हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं।''

अशोका यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर नीलांजन सिरकार कहते हैं कि कांग्रेस का स्ट्रक्चर विचारधारा पर आधारित नहीं है, जिसकी वजह से पार्टी में इस तरह की चीजें अधिक दिखती हैं। उन्होंने कहा, ''भारत में राजनीतिक दलों के लिए यह एक मूलभूत चुनौती है कि वे असंतोष को कैसे रोकते हैं।''

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।