राजस्थान सरकार ने राज्य के वन विभाग में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 33 भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इस व्यापक बदलाव में चार आईएफएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है, जबकि दो एपीओ (अवेयटिंग पोस्टिंग ऑर्डर्स) अधिकारियों को नई पोस्टिंग मिली है। यह फेरबदल राज्य के वन प्रशासन में नई ऊर्जा और कार्यप्रणाली लाने के उद्देश्य। से किया गया है, जिसमें कई प्रमुख पदों पर नए चेहरे देखने को मिलेंगे।
मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना और कार्रवाई
इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना भी रही है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) शिखा मेहरा और एपीसीसीएफ (वन्यजीव) राजेश कुमार गुप्ता के खिलाफ वन मंत्री ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। दरअसल, मुख्यमंत्री ने पर्यटकों के लिए वन विभाग के गेस्ट हाउस खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन इन आदेशों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर मुख्यमंत्री और वन मंत्री ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। परिणामस्वरूप, शिखा मेहरा का तबादला प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) के पद पर किया गया है, जबकि राजेश कुमार गुप्ता को एपीसीसीएफ (बाह्य सहायता प्राप्त परियोजना), जयपुर के पद पर स्थानांतरित किया गया है और यह घटना दर्शाती है कि राज्य सरकार अपने निर्देशों के पालन को लेकर कितनी गंभीर है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रमुख अधिकारियों के नए दायित्व
इस तबादला सूची में कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। एपीसीसीएफ डॉ. वेंकटेश शर्मा को राजस्थान राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद पर नियुक्त किया गया है और वहीं, एपीसीसीएफ (उत्पादन और वन विकास लिमिटेड) के एमडी उदय शंकर का तबादला एपीसीसीएफ (सीईओ कैंप), जयपुर के पद पर किया गया है। एपीसीसीएफ (एफसीआई), जयपुर के केसीए अरुण प्रसाद को अब एपीसीसीएफ से। मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, जयपुर का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया है। टीजे कविथा, जो पहले एपीसीसीएफ (विकास) थीं, उन्हें एपीसीसीएफ और नोडल अधिकारी (एफसीए), जयपुर के पद पर स्थानांतरित किया गया है। इसके अतिरिक्त, मुख्य वन संरक्षक, जयपुर राजीव चतुर्वेदी को राजस्थान राज्य जैव विविधता मंडल, जयपुर का सदस्य सचिव बनाया गया है और ये नियुक्तियां विभिन्न विभागों में नेतृत्व को मजबूत करने और उनकी कार्यक्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई हैं।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बदलाव
राज्य के प्रतिष्ठित रणथंभौर टाइगर रिजर्व की जिम्मेदारियों में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। रणथंभौर टाइगर प्रोजेक्ट के निदेशक और मुख्य वन संरक्षक अनूप के का तबादला अब जोधपुर मुख्य संरक्षक के पद पर कर दिया गया है और उनकी जगह राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल के सदस्य सचिव शारदा प्रताप सिंह को रणथंभौर बाघ परियोजना के निदेशक और मुख्य वन संरक्षक के पद पर लगाया गया है। यह बदलाव रणथंभौर जैसे संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्र के प्रबंधन में नई दिशा और ऊर्जा ला सकता है। शारदा प्रताप सिंह के अनुभव का लाभ रणथंभौर के वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन प्रबंधन को मिलेगा।
शारदा प्रताप सिंह के रणथंभौर में स्थानांतरण के बाद, राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव का पद रिक्त हो गया था। इस महत्वपूर्ण पद पर कपिल चंद्रावल को नियुक्त किया गया है। चंद्रावल का तबादला आरबीडीसी के संयुक्त परियोजना निदेशक के पद से पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में किया गया है। यह नियुक्ति राज्य में प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को गति देने में सहायक होगी। कपिल चंद्रावल के पास इस क्षेत्र में काम करने का अनुभव है, जिससे बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद है।
एपीओ अधिकारियों को मिली पोस्टिंग
इस तबादला सूची में उन अधिकारियों को भी शामिल किया गया है जो एपीओ (अवेयटिंग पोस्टिंग ऑर्डर्स) चल रहे थे। जेडीए में वन संरक्षक के पद पर तैनात मोनाली सेन का तबादला मुख्यमंत्री जीव, जयपुर के पद पर कर दिया गया है और उनकी जगह एपीओ चल रही आईएफएस अनीता को जेडीए में वन संरक्षक के पद पर लगाया गया है। इसी तरह, एक अन्य एपीओ अधिकारी आकांक्षा महाजन को मुख्य वन संरक्षक और निदेशक,। राजस्थान वानिकी और वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान, जयपुर के पद पर पोस्टिंग दी गई है। इन नियुक्तियों से उन अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां मिली हैं जो कुछ समय से पोस्टिंग का इंतजार कर रहे थे, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था में स्थिरता आएगी। यह व्यापक फेरबदल राज्य के वन विभाग और संबंधित संस्थाओं की कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करने और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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