Rajasthan Weather: राजस्थान में अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, नवंबर में भी जारी रहेगा मौसम का मिजाज

Rajasthan Weather - राजस्थान में अक्टूबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश, नवंबर में भी जारी रहेगा मौसम का मिजाज
| Updated on: 02-Nov-2025 09:18 AM IST
राजस्थान में अक्टूबर महीने के अंत तक भी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे राज्य के सामान्य मौसमी चक्र में एक बड़ा बदलाव देखा गया है। आमतौर पर, अक्टूबर तक मानसून की वापसी हो जाती है और राज्य में शुष्क, साफ मौसम की शुरुआत होती है, लेकिन इस वर्ष स्थिति बिल्कुल विपरीत रही है। लगातार हो रही वर्षा ने न केवल कृषि गतिविधियों को प्रभावित किया है, बल्कि आम जनजीवन पर भी इसका असर पड़ा है। इस असामान्य मौसमी गतिविधि के कारण कई जिलों में सुबह के समय घना कोहरा देखा गया, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। कोटा, नागौर, अलवर, सीकर और बूंदी जैसे जिलों में दृश्यता मात्र 15 मीटर तक सीमित रही, जिसने वाहनों की आवाजाही और दैनिक गतिविधियों को धीमा कर दिया और सड़कों पर धीमी गति से चलते वाहन और धुंध में लिपटे शहर एक अप्रत्याशित दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे, जो अक्टूबर जैसे महीने के लिए काफी असामान्य माना जाता है। यह स्थिति यात्रियों और स्थानीय निवासियों दोनों के लिए चुनौतियां पैदा कर रही है, खासकर सुबह के घंटों में जब लोग अपने काम पर निकलते हैं।

सामान्य से 412% अधिक वर्षा का रिकॉर्ड

मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर। महीने में राजस्थान में सामान्य से कहीं अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो एक रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ा है। इस अवधि में राज्य में 412 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जबकि अक्टूबर महीने के लिए सामान्य बारिश का आंकड़ा केवल 10. 8 प्रतिशत है। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इस साल अक्टूबर में राजस्थान ने अप्रत्याशित रूप से भारी बारिश का सामना किया है, जो पिछले कई दशकों के रिकॉर्ड को तोड़ रहा है। इस अत्यधिक बारिश का मुख्य कारण अरब सागर की खाड़ी में बने मौसमी तंत्रों को बताया जा रहा है, जिन्होंने राज्य के मौसम पर सीधा और गहरा प्रभाव डाला है और इन मौसमी प्रणालियों ने नमी को राज्य में धकेला, जिससे लगातार और भारी वर्षा हुई। इस असाधारण वर्षा ने न केवल जल निकायों को भरा है, बल्कि कुछ निचले इलाकों। में जलभराव की स्थिति भी पैदा की है, जिससे स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहना पड़ा है।

नवंबर में भी बारिश और तापमान में गिरावट का अलर्ट

मौसम विभाग ने नवंबर महीने के लिए भी बारिश और तापमान में गिरावट का अलर्ट जारी किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि असामान्य मौसम का यह दौर अभी कुछ समय तक जारी रह सकता है। विभाग के अनुसार, प्रदेश में एक नए मौसमी तंत्र, जिसे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) कहा जाता है, के। असर से राज्य के कई इलाकों में बारिश होने और तापमान में और गिरावट आने का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले अतिरिक्त-उष्णकटिबंधीय तूफान होते हैं जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में अचानक सर्दियों की बारिश लाते हैं। इसके सक्रिय होने से राजस्थान में भी मौसमी बदलाव देखने को। मिलेंगे, जिससे दिन और रात के तापमान में उल्लेखनीय कमी आएगी। यह किसानों के लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि यह उनकी फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जबकि आम जनता को बदलते मौसम के अनुसार अपनी दिनचर्या और कपड़ों में बदलाव करने की आवश्यकता होगी।

अरब सागर का अवदाब: एक और दो नवंबर का पूर्वानुमान

मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, अरब सागर की खाड़ी में बना अवदाब (depression) अब कमजोर होकर 'वेल मार्क लो प्रेशर एरिया' (डब्ल्यूएमएम) में बदल गया है और यह मौसमी प्रणाली, हालांकि कमजोर पड़ गई है, फिर भी राज्य के कुछ हिस्सों में अपना प्रभाव डालेगी। इसके असर से एक और दो नवंबर को उदयपुर और कोटा संभाग के छुटपुट स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है और यह बारिश स्थानीय और हल्की प्रकृति की होगी, जिससे इन क्षेत्रों में थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि, राज्य के शेष अधिकांश भागों में इस दौरान मौसम शुष्क रहने का अनुमान है, जिसका अर्थ है कि अधिकांश जिलों में लोग साफ आसमान और सामान्य तापमान का अनुभव करेंगे। यह दर्शाता है कि पहले दो दिनों में बारिश का प्रभाव सीमित क्षेत्रों तक ही रहेगा, लेकिन इसके बाद एक और मौसमी बदलाव की उम्मीद है, जो अधिक व्यापक हो सकता है।

लूणकरणसर रहा सबसे ठंडा शहर, बाड़मेर में अधिकतम तापमान

मौसम विभाग की दैनिक डेटा रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को राज्य में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहा, जिससे दिन के समय धूप खिली रही। तापमान की बात करें तो, बाड़मेर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 35. 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो दिन के समय गर्मी का संकेत देता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां शुष्क हवाएं चल रही थीं। वहीं, न्यूनतम तापमान की बात करें तो लूणकरणसर राज्य का सबसे ठंडा शहर रहा, जहां न्यूनतम तापमान 15. 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान रात और सुबह के समय हल्की ठंडक का अनुभव कराता है, जिससे लोगों को हल्की गर्म कपड़ों की आवश्यकता महसूस हुई। दर्ज प्रेक्षणों के अनुसार, राज्य के अधिकांश भागों में हवा में आर्द्रता की औसत मात्रा 40 से 80 प्रतिशत के मध्य दर्ज की गई, जो हवा में नमी की मौजूदगी को दर्शाता है। यह नमी सुबह के कोहरे और शाम की ओस के लिए जिम्मेदार हो सकती है।

राजस्थान के प्रमुख जिलों का न्यूनतम तापमान विश्लेषण

शनिवार को राजस्थान के विभिन्न प्रमुख जिलों में न्यूनतम तापमान इस प्रकार दर्ज किया गया, जो राज्य भर में तापमान के पैटर्न को दर्शाता है: अजमेर में 16. 5 डिग्री, भीलवाड़ा में 19 और 4 डिग्री, अलवर में 18. 8 डिग्री, जयपुर में 21. 0 डिग्री, पिलानी में 18. 8 डिग्री, सीकर में 15. 2 डिग्री, कोटा में 21. 9 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 19. 6 डिग्री, बाड़मेर में 20. 3 डिग्री, जैसलमेर में 18. 7 डिग्री, जोधपुर में 18. 5 डिग्री, बीकानेर में 19. 8 डिग्री, चूरू में 17. 4 डिग्री और श्री गंगानगर में 18. 2 डिग्री सेल्सियस। इसके अतिरिक्त, नागौर में 19. 2 डिग्री, जालौर में 17 और 1 डिग्री, सिरोही में 16. 5 डिग्री, दौसा में 19. 6 डिग्री और झुंझुनूं में 19. 5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में रातें हल्की ठंडी रही हैं, लेकिन कुछ उत्तरी और पश्चिमी जिलों में ठंडक अधिक महसूस की गई। यह तापमान का वितरण राज्य की भौगोलिक विविधता को भी दर्शाता है।

तीन-चार नवंबर को नया पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव

तीन नवंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है, जो राजस्थान के मौसम में एक और महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। यह पश्चिमी विक्षोभ, जो उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है, राज्य के कई हिस्सों में बारिश और मेघगर्जन लाएगा और इस नए मौसमी तंत्र के प्रभाव से जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग के कुछ भागों में तीन और चार नवंबर को मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। यह बारिश फसलों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन अत्यधिक होने पर नुकसान भी पहुंचा सकती है। इस दौरान, बीकानेर संभाग के क्षेत्रों में भी आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है, जिससे मौसम में नमी और ठंडक का अनुभव होगा। यह पश्चिमी विक्षोभ राज्य के एक बड़े हिस्से को प्रभावित करेगा, जिससे किसानों और आम जनता को आगामी दिनों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

पांच नवंबर के बाद मौसम में बदलाव और तापमान में गिरावट

पांच नवंबर से राज्य के अधिकांश भागों में आगामी एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहने की पूरी संभावना है, जिससे बारिश का दौर थम जाएगा और आसमान साफ होने लगेगा। इस अवधि में उत्तरी हवाओं का प्रभाव बढ़ेगा, जो हिमालयी क्षेत्रों से ठंडी हवाएं लेकर आएंगी। इन ठंडी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में दो से। चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। यह बदलाव ठंडक को बढ़ाएगा और सुबह-शाम के समय मौसम अधिक सर्द हो जाएगा, जिससे लोगों को गर्म कपड़ों की आवश्यकता महसूस होगी और यह शुष्क और ठंडा मौसम आमतौर पर नवंबर के मध्य से शुरू होता है, लेकिन इस साल अक्टूबर की असामान्य बारिश के बाद यह बदलाव थोड़ा देर से आ रहा है। यह अवधि सर्दियों की शुरुआत का संकेत देगी, जब दिन सुहावने और रातें ठंडी होंगी।

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