Zubair Khan Death: रामगढ़ विधायक जुबेर खान का हुआ निधन, लीवर ट्रांसप्लांट के बाद से खराब थी तबीयत

Zubair Khan Death - रामगढ़ विधायक जुबेर खान का हुआ निधन, लीवर ट्रांसप्लांट के बाद से खराब थी तबीयत
| Updated on: 14-Sep-2024 09:25 AM IST
Zubair Khan Death: राजस्थान की राजनीति को एक बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जुबेर खान का शनिवार, 14 सितंबर की सुबह निधन हो गया। पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे खान का निधन अलवर के पास स्थित उनके फार्म हाउस पर हुआ। उनका लिवर ट्रांसप्लांट लगभग एक साल पहले हुआ था, लेकिन इसके बावजूद उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ।

स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हुए

जुबेर खान का लिवर ट्रांसप्लांट के बाद कुछ समय के लिए स्वास्थ्य में सुधार देखा गया था, लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हो सके। बीमारियों की चपेट में आने के कारण उन्हें छह महीने पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, उनकी तबीयत में कोई खास सुधार नहीं हुआ और 15 दिन पहले डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी। शनिवार की सुबह, उनके निधन की खबर ने राजनीतिक हलकों में गहरा शोक छा दिया। उनकी पार्थिव देह को आज शाम 5:50 बजे सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।

राजनीति की दुनिया में प्रभावशाली करियर

जुबेर खान का राजनीतिक करियर प्रभावशाली और प्रेरणादायक रहा है। वे अलवर जिले के माचड़ी गांव के निवासी थे और छात्र जीवन से ही जनसेवा में सक्रिय रहे। 1990 में, केवल 25 साल की उम्र में, वे पहली बार रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। उनका यह राजनीतिक सफर 2023 में चौथी बार विधायक बनने तक जारी रहा। उनके पिता, बाग सिंह भी राजनीति में सक्रिय रहे थे और ग्राम पंचायत के सरपंच रह चुके थे।

कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका

स्वर्गीय जुबेर खान गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस पार्टी के समर्पित नेता थे। उन्होंने प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश में कई सालों तक सक्रिय रूप से काम किया और चुनाव प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई। उनका योगदान पार्टी के लिए अमूल्य था। 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में, वे चौथी बार कांग्रेस के विधायक बने, जो उनके राजनीति में स्थिरता और प्रभाव की पुष्टि करता है।

विभिन्न भूमिकाओं में सेवाएं

जुबेर खान ने राजनीति में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं। वे छात्र जीवन में ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे और कांग्रेस ने उन्हें एनएसयूआई का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया। इसके बाद, वे यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी शामिल हुए। 1993 में दूसरी बार विधायक बनने के बाद, वे 2003 और 2023 में भी विधायक चुने गए। इसके अलावा, उनकी पत्नी, साफिया खान भी 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनीं। 2012 में, उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सचिव भी बनाया गया था।

अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि

जुबेर खान का निधन कांग्रेस पार्टी और उनके समर्थकों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी अंतिम यात्रा का समय तय कर लिया गया है और उनकी पार्थिव देह को आज शाम 5:50 बजे सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। उनकी यादें और योगदान हमेशा राजनीति और समाज में जीवित रहेंगे।

जुबेर खान की आत्मा को शांति मिले, यही कामना है। उनके योगदान और सेवाओं को हमेशा याद किया जाएगा।

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