Gold Smuggling: रान्या के पिता को जबरन छुट्टी पर भेजा गया, पुलिस ने 10-15 थप्पड़ मारे- अभिनेत्री का आरोप

Gold Smuggling - रान्या के पिता को जबरन छुट्टी पर भेजा गया, पुलिस ने 10-15 थप्पड़ मारे- अभिनेत्री का आरोप
| Updated on: 15-Mar-2025 11:12 PM IST

Gold Smuggling: कर्नाटक राज्य में सोना तस्करी से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मामले में नया मोड़ आया है। कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव, जो इस मामले की मुख्य आरोपी हैं, के पिता और कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के डीजीपी रामचंद्र राव को अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है। राज्य सरकार ने भर्ती विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक केवी शरत चंद्र को तत्काल प्रभाव से कर्नाटक राज्य पुलिस आवास एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड, बेंगलुरु के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के रूप में अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया है।

क्या है पूरा मामला?

कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री की अभिनेत्री और रामचंद्र राव की सौतेली बेटी रान्या राव पर दुबई से अवैध रूप से सोना लाने के गंभीर आरोप लगे हैं। तीन मार्च को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डीआरआई (राजस्व आसूचना निदेशालय) अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उनके पास से 12.56 करोड़ रुपये मूल्य की सोने की छड़ें जब्त की गई थीं। इसके बाद, उनके आवास पर की गई छापेमारी में 2.06 करोड़ रुपये मूल्य के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की नकदी भी बरामद की गई।

रान्या की जमानत याचिका खारिज

इस मामले में रान्या राव ने शुक्रवार को आर्थिक अपराध न्यायालय में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। इसके बाद, शनिवार को उन्होंने सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर की। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय इस पर जल्द फैसला ले सकता है।

डीआरआई पर लगाए गंभीर आरोप

रान्या राव ने डीआरआई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे जबरन कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए। उन्होंने बेंगलुरु में डीआरआई के अतिरिक्त महानिदेशक को एक पत्र लिखकर बताया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है। पत्र में उन्होंने दावा किया कि दुबई से लौटने पर उन्हें गलत तरीके से 14 किलोग्राम से अधिक सोना ले जाने के आरोप में फंसाया गया।

मारपीट और धमकी के आरोप

रान्या ने यह भी आरोप लगाया कि हिरासत में रहने के दौरान डीआरआई अधिकारियों ने उनके साथ मारपीट की और बार-बार थप्पड़ मारे। उन्होंने कहा, “मुझे 10 से 15 बार थप्पड़ मारा गया और धमकाया गया कि यदि मैंने उनके द्वारा तैयार किए गए बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए तो मेरे पिता का नाम सार्वजनिक कर दिया जाएगा, जबकि वे इस मामले से जुड़े नहीं हैं।”

सरकार की सख्ती और राजनीतिक प्रभाव

राज्य सरकार द्वारा डीजीपी रामचंद्र राव को जबरन अवकाश पर भेजना इस मामले की संवेदनशीलता को दर्शाता है। राजनीतिक गलियारों में भी यह चर्चा है कि क्या इस मामले में ऊँचे पदों पर बैठे लोग शामिल हैं या नहीं।

आगे की कार्रवाई

अब सबकी निगाहें सत्र न्यायालय के फैसले पर टिकी हैं। अगर रान्या को जमानत मिलती है तो यह मामला और पेचीदा हो सकता है। वहीं, अगर उन्हें जमानत नहीं मिलती, तो जांच एजेंसियां और गहराई से इस पूरे मामले की तहकीकात करेंगी।

यह मामला न सिर्फ कानूनी बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी बड़ी हलचल मचा सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रान्या राव इन आरोपों से मुक्त हो पाएंगी या नहीं।

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