देश: फेक न्यूज पर भड़के रतन टाटा, बोले- ये बात मैंने न कहीं लिखी, न ही बोली

देश - फेक न्यूज पर भड़के रतन टाटा, बोले- ये बात मैंने न कहीं लिखी, न ही बोली
| Updated on: 11-Apr-2020 06:12 PM IST
मुंबई: देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा एक फेक न्यूज पर भड़क गए हैं। दरअसल, इस फेक न्यूज में रतन टाटा के नाम से एक बयान लिखा गया है। रतन टाटा का हवाला देते हुए 'वेरी मोटिवेशनल ऐट दिस आवर' नाम के शीर्षक वाले बयान में इकोनॉमी पर कोरोना वायरस के प्रभाव का जिक्र किया गया है। अब रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर इस खबर को शेयर करते हुए इसकी सच्चाई बताई है।

क्या है सच्चाई?

रतन टाटा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'ये बातें न तो मैंने कही हैं और न ही लिखी हैं। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि व्हाट्सऐप और अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो रहे इस पोस्ट की सत्यता का पता लगाएं।' रतन टाटा ने आगे बताया कि मुझे कुछ कहना होता है तो मैं अपने आधिकारिक चैनल के जरिए कहता हूं। उम्मीद करता हूं कि आप लोग सुरक्षित होंगे और अपना खयाल रख रहे होंगे।'

क्या लिखा है फेक पोस्ट में ?

रतन टाटा के नाम से प्रकाशित फेक न्यूज में लिखा गया है- विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कोरोना की वजह से अर्थव्यस्था तहस-नहस हो जाएगी। मैं इन विशेषज्ञों के बारे में नहीं जानता हूं लेकिन मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि इन विशेषज्ञों को मानवीय प्रेरणा और जुनून के साथ किए गए प्रयासों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।'

इस फेक पोस्ट में कुछ ऐसे उदाहरण दिए गए हैं जिन्होंने नामुमकिन को मुमकिन किया है। रतन टाटा के नाम से प्रकाशित इस फेक न्यूज में आगे कहा गया है, 'अगर विशेषज्ञों पर विश्वास करते तो द्वितीय विश्व युद्ध में पूरी तरह बर्बाद हो चुके जापान का कोई भविष्य नहीं होता। लेकिन सिर्फ तीन दशक में जापान ने अमेरिका को पानी पिला दिया।

इसी तरह अरब देशों ने इजरायल का दुनिया के नक्शे से नाम मिटा दिया होता, लेकिन आज हालत कुछ और है। इसी तरह 1983 में भारत विश्व कप नहीं जीतता। एथलेटिक्स में 4 स्वर्ण पदक जीतने वाली विल्मा रूडोल्फ का चलना भी मुश्किल था, दौड़ना तो दूर की बात है। अरुणिमा शायद ही आसानी से जीवन जी पाती, लेकिन उसने तो माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई सफलतापूर्क पूरी कर ली।'

बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मदद के लिए टाटा ट्रस्ट्स ने भी हाथ बढ़ाया है। टाटा ट्रस्ट्स ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला लिया है।

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