GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल अपनी 56वीं बैठक में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। 3 और 4 सितंबर 2025 को दिल्ली में चल रही इस बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी दरों में कटौती को मंजूरी मिलने की संभावना है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से बीमा पॉलिसियां सस्ती हो सकती हैं, जिससे आम लोगों को फायदा होगा। इसके अलावा, कुछ जीवनरक्षक दवाओं पर भी टैक्स में छूट देने पर विचार किया जा रहा है। महत्वपूर्ण दरों से संबंधित नोटिफिकेशन सितंबर 2025 के तीसरे हफ्ते तक जारी होने की उम्मीद है।
बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और स्टार्टअप्स को राहत देने पर विशेष जोर दिया गया है। जीएसटी काउंसिल ने व्यवसायों पर अनुपालन का बोझ कम करने के लिए कई उपायों को मंजूरी दी है। अब MSME और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को 30 दिनों से घटाकर केवल 3 दिन करने का निर्णय लिया गया है। इससे छोटे कारोबारियों को कारोबार शुरू करने में होने वाली देरी से राहत मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, कपड़ा, फार्मा, रसायन, उर्वरक और अन्य उद्योगों के लिए उल्टे शुल्क ढांचे (Inverted Duty Structure) के तहत अटके रिफंड को सात दिनों में निपटाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। यह कदम MSME सेक्टर के लिए नकदी प्रवाह को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगा।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में ₹20 लाख से अधिक कीमत वाले लग्जरी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जीएसटी दर को मौजूदा 5% से बढ़ाकर 18% करने का प्रस्ताव चर्चा के लिए रखा जाएगा। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, JSW MG मोटर, BYD, मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और हाल ही में भारत में प्रवेश करने वाली टेस्ला जैसी प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को झटका लग सकता है। इस कदम का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना हो सकता है, लेकिन यह लग्जरी ईवी की मांग को प्रभावित कर सकता है।
आठ राज्यों—हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक—ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि यदि जीएसटी ढांचे को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव पारित होता है, तो उन्हें होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की जाए। यह मांग जीएसटी दरों में बदलाव और छूट के कारण राज्यों को होने वाले संभावित वित्तीय नुकसान के मद्देनजर उठाई गई है।