बॉलीवुड: रिहाना और कंगना में तकरार, कहा- चुप रहो, हम तुम्हारी तरह देश नहीं बेच रहे

बॉलीवुड - रिहाना और कंगना में तकरार, कहा- चुप रहो, हम तुम्हारी तरह देश नहीं बेच रहे
| Updated on: 02-Feb-2021 10:54 PM IST
बॉलीवुड: कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को 2 महीने से भी ज्यादा का वक्त हो गया है। एक ओर किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, वहीं सरकार भी जिद पर अड़ी है। दिल्ली की सीमाओं पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जिससे ये साफ हो चला है कि आने वाला वक्त किसान आंदोलन के लिए बहुत अहम होने वाला है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि किसान मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उनकी हुंकार सात समंदर पार भी पहुंच रही है। किसानों की आवाज मशहूर सिंगर और परफॉर्मर रिहाना तक भी पहुंची है। रिहाना ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है, जिसे लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने हमला किया है।

रिहाना ने ट्विटर पर एक न्यूज शेयर की है, जिसमें किसान आंदोलन की वजह से प्रभावित इंटरनेट सेवा का जिक्र है। लेख में बताया गया है कि कैसे किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा की कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। जब रिहाना को भारत में चल रहे किसानों के आंदोलन के बारे में पता चला तो वे भी चुप नहीं रह सकीं। रिहाना ने खबर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा- हम इस बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं। #FarmersProtest।

रिहाना के ट्वीट पर कंगना रनौत ने जवाब देते हुए कहा- इसके बारे में कोई भी बात इसलिए नहीं कर रहा है क्योंकि ये किसान नहीं हैं बल्कि आतंकवादी हैं जो भारत को बांटना चाह रहे हैं। ताकि चीन जैसे देश हमारे राष्ट्र पर कब्जा जमा ले और यूएसए जैसी चाइनीज कॉलोनी बना दें। तुम शांत बैठो बेवकूफ। हम लोग तुम्हारे जैसे बेवकूफ नहीं हैं जो अपने देश को बेच दें।

बॉर्डर पर बनी है तनावपूर्ण स्थिति

अब रिहाना के बस इतना लिखने की ही देरी थी कि उनके फैन्स भी इस मुद्दे पर डिस्कस करने लगे। कुछ फैन्स ने उन्हें भारत के किसान आंदोलन से दूर रहने को कहा तो कुछ ने उन्हें इस मामले पर और रिसर्च करने को कहा। रिहाना के कुछ फैन्स उनके इस ट्वीट से खुश हुए और उन्होंने किसानों का समर्थन करने के लिए रिहाना का सपोर्ट किया।

बता दें कि रिहाना एक इंटरनेशनल स्टार हैं। उनका भारत के किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देना कोई छोटी बात नहीं है। वहीं किसान आंदोलन की बात करें तो किसान अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और पिछले कुछ समय से बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती और बढ़ा दी गई है।

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