India-Iran Relation: चाबहार रेल परियोजना से भारत को बाहर करने की खबर अफवाह: ईरान

India-Iran Relation - चाबहार रेल परियोजना से भारत को बाहर करने की खबर अफवाह: ईरान
| Updated on: 21-Jul-2020 07:50 AM IST
तेहरान: कुछ दिन पहले ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि ईरान ने भारत को चाबहार रेल परियोजना से बाहर कर दिया है। माना जा रहा था कि ऐसा ईरान-चीन के बीच होने जा रही 400 अरब डॉलर की डील का असर है। अब ईरान ने ऐसी खबरों का खंडन किया है। ईरान की ओर से बयान जारी कर गया है कि भारत चाबहार जहेदान रेल प्रॉजेक्ट का हिस्सा है।

मीडिया की खबरें साजिश का हिस्सा'

ईरान ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है जिनमें कहा गया था कि भारत को चाबहार रेलवे प्रॉजेक्ट से बाहर कर दिया गया है। ईरान के ट्रांसपोर्ट और रेलवे विभाग के डेप्युटी मिनिस्टर सईद रसौली ने इन खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि इन रिपोर्टों के पीछे कोई साजिश है। यह रेल परियोजना चाबहार पोर्ट से जहेदान के बीच बनाई जानी है।


2022 तक किया जाना है पूरा

पिछले हफ्ते ईरान के ट्रांसपोर्ट और शहरी विकास मंत्री मोहम्‍मद इस्‍लामी ने 628 किमी लंबे रेलवे ट्रैक को बनाने का उद्घाटन किया था। इस रेलवे लाइन को अफगानिस्‍तान के जरांज सीमा तक बढ़ाया जाना है। द‍ हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरी परियोजना को मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है। बताया जा रहा था कि ईरान ने यह कहते हुए भारत को इस डील से बाहर कर दिया है कि भारत इसके लिए राशि नहीं दे रहा है।


2016 में किया गया था समझौता

साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान चाबहार समझौते पर हस्‍ताक्षर हुआ था। पूरी परियोजना पर करीब 1.6 अरब डॉलर का निवेश होना था। इस परियोजना को पूरा करने के लिए इरकान के इंज‍िन‍ियर ईरान गए भी थे लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत ने रेल परियोजना पर काम को शुरू नहीं किया। अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह के लिए छूट दे रखी है लेकिन उपकरणों के सप्‍लायर नहीं मिल रहे हैं।


ईरान और चीन में हो सकती है डील

दूसरी ओर ईरान और चीन जल्‍द ही एक महाडील पर समझौता कर सकते हैं। इसके तहत चीन ईरान से बेहद सस्‍ती दरों पर तेल खरीदेगा, वहीं इसके बदले में पेइचिंग ईरान में 400 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहा है। यही नहीं ड्रैगन ईरान की सुरक्षा और घातक आधुनिक हथियार देने में भी मदद करेगा। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान और चीन के बीच 25 साल के रणनीतिक समझौते पर बातचीत पूरी हो गई है।

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