Indian Rupee: रुपया हुआ ईरान-इजराइल वॉर से 'खाक', तेल की कीमतों में लगी आग

Indian Rupee - रुपया हुआ ईरान-इजराइल वॉर से 'खाक', तेल की कीमतों में लगी आग
| Updated on: 23-Jun-2025 01:17 PM IST

Indian Rupee: ईरान और इजराइल के बीच चल रहे युद्ध ने वैश्विक स्तर पर चिंता की लहर दौड़ा दी है और इसका सीधा असर अब भारत की अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है। युद्ध जैसे-जैसे गंभीर होता जा रहा है, वैसे-वैसे भारतीय आर्थिक संकेतकों में कमजोरी साफ नजर आ रही है। अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है, जिससे घरेलू बाजारों में उथल-पुथल मच गई है।

तेल की कीमतों में उछाल

ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत दो प्रतिशत बढ़कर 77.27 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। भारत, जो अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा आयात करता है, ऐसे में कच्चे तेल के दाम बढ़ना उसके चालू खाता घाटे और महंगाई पर सीधा असर डालता है। आने वाले समय में गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि आम आदमी की जेब पर सीधा बोझ डाल सकती है।

रुपया फिसला डॉलर के मुकाबले

सोमवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे टूटकर 86.72 पर आ गया। शुक्रवार को यह 86.55 पर बंद हुआ था। डॉलर के मुकाबले अन्य वैश्विक मुद्राओं में मजबूती और तेल की कीमतों में उछाल के चलते रुपये पर दबाव बना है। हालांकि, विदेशी पूंजी निवेश और विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि ने गिरावट को थोड़ा सीमित किया है।

शेयर बाजार में भारी गिरावट

घरेलू शेयर बाजार भी इस भू-राजनीतिक तनाव से अछूता नहीं रहा। बीएसई सेंसेक्स में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 705.65 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई और यह 81,702.52 पर पहुंच गया। वहीं एनएसई निफ्टी भी 182.85 अंक गिरकर 24,929.55 पर आ गया। निवेशकों की चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता का असर निवेश की भावना पर पड़ा है।

विदेशी मुद्रा भंडार में मामूली राहत

एक राहत की खबर यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, 13 जून को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.294 अरब डॉलर बढ़कर 698.95 अरब डॉलर हो गया है। इससे विदेशी लेन-देन में स्थिरता बनाए रखने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है।

आगे क्या?

जानकारों का मानना है कि अगर ईरान-इजराइल युद्ध जल्दी नहीं थमता, तो भारत में गैस की कीमतें, शेयर बाजार और रुपया – तीनों पर दबाव और बढ़ सकता है। ऐसे हालात में रिजर्व बैंक और भारत सरकार को आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए निर्णायक और समयबद्ध कदम उठाने की आवश्यकता होगी।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।