दिल्ली: गगनयान मिशन के लिए 12 अंतरिक्षयात्रियों को ट्रेनिंग देगा रूस: इसरो प्रमुख

दिल्ली - गगनयान मिशन के लिए 12 अंतरिक्षयात्रियों को ट्रेनिंग देगा रूस: इसरो प्रमुख
| Updated on: 27-Sep-2019 01:05 PM IST
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कहा है कि गगनयान (Gaganyaan) के लिए इसरो और वायुसेना ने मिलकर 12 अंतरिक्ष यात्री चुने हैं. हम इन अंतरिक्ष यात्रियों को रूस भेजेंगे. उम्मीद है कि अक्टूबर अंत या नवंबर की शुरुआत में इन अंतरिक्षयात्रियों को रूस भेज दिया जाएगा. इसके बाद रूस के ट्रेनिंग सेंटर में चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन होगा. बाकी लोग वापस आ जाएंगे. चयन किए गए चार अंतरिक्ष यात्रियों की 15 महीने की कठिन ट्रेनिंग होगी. इसके बाद दिसंबर 2021 में चार में से तीन अंतरिक्ष यात्रियों को सात दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर भेजा जाएगा. हालांकि, अभी चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में महिला एस्ट्रोनॉट नहीं हैं.

सिवन ने ये बातें अहमदाबाद के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (SAC) में हुए चौथे ISSE नेशनल कॉन्फ्रेंस-19 में कही. इसरो चीफ डॉ.के. सिवन ये भी कहा कि गगनयान मिशन तीन हिस्से में पूरा किया जाएगा. सबसे पहले दिसंबर 2020 में पहला मानवरहित यान अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. ताकि प्राथमिक स्तर पर उसकी जरूरी प्रणालियों की जांच की जा सके. यान के लौटकर आने के बाद उसमें जरूरी बदलाव किए जाएंगे.

डॉ. के. सिवन ने बताया कि इसके बाद जुलाई 2021 में दोबारा एक मानवरहित मिशन होगा. यान के लौट कर आने के बाद उसकी सभी जरूरी प्रणालियों की जांच की जाएगी. जरूरी होने पर बदलाव किए जाएंगे. फिर आखिर में दिसंबर 2021 को गगनयान को तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रवाना किया जाएगा. डॉ.के. सिवन ने बताया कि दोनों मानवरहित मिशन इसलिए जरूरी हैं ताकि सभी जरूरी प्रणालियों की जांच की जा सके. क्योंकि अंतरिक्ष में इंसानों के भेजने से पहले ISRO कोई रिस्क नहीं लेना चाहता.

क्या महिला यात्री जाएंगी गगनयान मिशन में?

डॉ. के. सिवन ने कहा कि गगनयान मिशन के लिए चुने गए 12 अंतरिक्ष यात्री पुरुष हैं. इस बार इनमें कोई महिला अंतरिक्षयात्री नहीं है. डॉ. के. सिवन ने कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसे मिशन में कोई भारतीय महिला शामिल हो. लेकिन यह इस बार संभव नहीं हो पाया. हो सकता है कि अगले मिशन में हम किसी महिला को अंतरिक्ष में भेजें.

जानिए क्या है गगनयान मिशन?

गगनयान मिशन के तहत ISRO तीन अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में सात दिन की यात्रा कराएगा. इन अतंरिक्षयात्रियों को सात दिन के लिए पृथ्वी की लो-ऑर्बिट में चक्कर लगाना होगा. इस मिशन के लिए ISRO ने भारतीय वायुसेना से अंतरिक्षयात्री चुनने के लिए कहा था. वायुसेना ने शुरुआत में पहले 25 पायलटों का चयन किया था. अब इनमें से 12 चुने गए हैं. जो ट्रेनिंग के लिए रूस जाएंगे. इनमें से चार ही रूस में ट्रेनिंग करेंगे. इनका चयन रूस की ट्रेनिंग देने वाली एजेंसी करेगी.

दिसंबर 2021 में इसरो तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. उससे पहले दो अनमैन्ड मिशन होंगे. ये दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में किए जाएंगे. इन दोनों मिशन में गगनयान को बिना किसी यात्री के अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके बाद दिसंबर 2021 में मानव मिशन भेजा जाएगा. इस पूरे मिशन की लागत 10 हजार करोड़ रुपए है. गौरतलब है कि देश के पहले अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा 2 अप्रैल 1984 में रूस के सोयूज टी-11 में बैठकर अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे.

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