खुलासा: आतंकियों के लिए घुसपैठ का सबसे मुफीद रास्ता सांबा-कठुआ बॉर्डर, तीन साल में 4 बार कर चुके हैं घुसपैठ

खुलासा - आतंकियों के लिए घुसपैठ का सबसे मुफीद रास्ता सांबा-कठुआ बॉर्डर, तीन साल में 4 बार कर चुके हैं घुसपैठ
| Updated on: 26-Apr-2022 09:30 AM IST
पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए सांबा-कठुआ बॉर्डर घुसपैठ के लिए सबसे मुफीद जगह बन गया है। जम्मू में पिछले 3 सालों में होने वाले सभी बड़े हमले जैश ने किए हैं और इन सभी हमलों को अंजाम देने वाले पाकिस्तानी आतंकी थे, जो बॉर्डर से घुसपैठ करके आए थे। इन सभी हमलों की जांच में एक ही बात सामान्य है कि आतंकी बॉर्डर से घुसपैठ करके आए, जबकि झज्जर कोटली में हुए 2018 के हमले के बाद एनआईए ने साफ कहा था कि कठुआ और सांबा के बॉर्डर को आतंकी इस्तेमाल कर रहे हैं। 

वर्ष 2014 से 2018 तक इस रास्ते से 50 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ कर चुके

वर्ष 2014 से 2018 तक इस रास्ते से 50 से ज्यादा आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आतंकियों की घुसपैठ क्यों नहीं रुक रही। सांबा और कठुआ बॉर्डर से लगातार आतंकियों की घुसपैठ को एक बड़ा खतरा माना जा रहा है। पुलिस की जांच में भी इसे एक गंभीर मामला माना गया है, क्योंकि जिस तरह से सुंजवां हमले में दोनों आतंकी इतनी बड़ी तादाद में गोला बारूद लेकर आए थे, इससे माना जा रहा है कि बड़ा हमला होना था। 

केस 1

12 सितंबर 2018 को झज्जर कोटली में एक ट्रक में कश्मीर जा रहे तीन आतंकियों ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। इसके बाद यह आतंकी जंगल में भाग गए। बाद में इन आतंकियों को मार गिराया गया। यह तीनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के थे। तीनों आतंकी पाकिस्तान के रहने वाले थे और यह कठुआ बॉर्डर से घुसपैठ करके आए थे। 

केस 2

10 फरवरी 2018 को सुंजवां के सैन्य कैंप में तीन चार फिदायीन आतंकी घुस आए थे। इन आतंकियों ने सात अफसरों, कर्मियों और आम नागरिकों की हत्या कर दी। चारों आतंकी मुठभेड़ में मारे गए। यह आतंकी भी कठुआ-सांबा बॉर्डर से घुसपैठ करके आए थे। 

केस 3

31 जनवरी 2020 को नगरोटा के बन टोल प्लाजा पर एक ट्रक में छिपे चार आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था। इस हमले में चार आतंकी मारे गए। यह आतंकी भी कठुआ के हीरानगर बॉर्डर से घुसपैठ करके आए थे। यह आतंकी भी जैश-ए-मोहम्मद के थे।  

केस 4

22 अप्रैल 2022 जम्मू के सुंजवां में सुरक्षाबलों पर फिदायीन हमला हुआ। इसमें दो आतंकी मारे गए थे। यह आतंकी भी जैश-ए-मोहम्मद के थे और सांबा के बॉर्डर से घुसपैठ करके आए थे। 

बीएसएफ के पास घुसपैठ की कोई जानकारी नहीं

हमारे पास घुसपैठ की कोई जानकारी नहीं है। न ही इसके बारे हमें किसी ने बोला है। सीमा पर किसी तरह की कहीं पर फेंसिंग नहीं कटी और न ही कोई सुरंग है, जिससे कि आतंकियों की घुसपैठ हुई हो।  -एसपीएस संधु, प्रवक्ता, बीएसएफ जम्मू

एनआईए भी कर चुकी खुलासा

करीब तीन साल पहले झज्जर कोटली हमले की जांच में एनआईए ने खुलासा किया था कि सांबा और कठुआ का बॉर्डर पाकिस्तानी आतंकी इस्तेमाल कर रहे हैं। बताया था कि 2014 से लेकर 2018 तक 50 से ज्यादा पाकिस्तानी आतंकियों ने घुसपैठ की और यह कश्मीर तक चले गए। वहीं पिछले 3 साल में जम्मू में होने वाले सभी हमले जैश ने किए हैं और इसमें पाकिस्तानी आतंकी थे, जो सीमा पार से घुसपैठ करके आए थे।


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