देश: केंद्र ने दिल्ली HC में किया समलैंगिक विवाह का विरोध, कहा- समाज और मूल्य नहीं देते मान्यता

देश - केंद्र ने दिल्ली HC में किया समलैंगिक विवाह का विरोध, कहा- समाज और मूल्य नहीं देते मान्यता
| Updated on: 14-Sep-2020 09:16 PM IST
नई दिल्ली : समलैंगिक शादियों (Same sex marriages ) को लेकर केंद्र सरकार (Center) ने दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) में कहा है कि हमारी कानूनी प्रणाली, समाज और मूल्य समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देते हैं। दिल्ली हाईकोर्ट में समान लिंग विवाह को हिंदू मैरिज एक्ट में मान्यता देने के लिए लगाई गई जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीएन पटेल और प्रतीक जालान की खंडपीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालत को यह ध्यान में रखना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने केवल समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर किया है, और इसे लेकर कोई फैसला नहीं सुनाया है।

मेहता ने एलजीबीटी समुदाय की ओर से मांगी गई राहत का विरोध करते हुए समाज और मूल्यों का हवाला दिया। उन्होने कहा कि याचिकाकर्ताओं को दो वजह से राहत हीं दी जा सकती। याचिकाकर्ता समलैंगिकों की शादी को कानूनी मान्यता की मांग नहीं कर सकते। उन्होंने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत निषिद्ध संबंधों की डिग्री के खंड को पढ़ते हुए कहा कि यह "पुरुष" और "महिला" को संदर्भित करता है

याचिकाकर्ता की दलील

याचिकाकर्ता ने कहा कि हिन्दू मैरिज एक्ट के सेक्शन 5 के मुताबिक, किसी भी दो हिंदुओं' के बीच विवाह संपन्न किया जा सकता है और इसलिए, शादी करने का अधिकार विषमलैंगिक जोड़ों तक सीमित नहीं होना चाहिए। बल्कि ये अधिकार उन लोगों को भी मिलना चाहिए जो समान लिंग के होने के साथ शादी करना चाहते हैं।

हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति पीड़ित हैं तो वो आ सकते हैं। जनहित याचिका का कोई सवाल नहीं है। वहीं हाई कोर्ट ने उन लोगों की सूची पेश करने को कहा है  जिनकी हिंदू विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक होने पर शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया। अब इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।