Research: वैज्ञानिकों ने खोजा धातु खाने वाला बैक्टीरिया, संयोग से हुई ये खोज

Research - वैज्ञानिकों ने खोजा धातु खाने वाला बैक्टीरिया, संयोग से हुई ये खोज
| Updated on: 18-Jul-2020 07:48 AM IST
Delhi: क्या कोई बैक्टीरिया (Bacteria) जितना छोटा जीव भी धातु खाकर जिंदा रह सकता है। यह सोचने में अजीब या नामुमकिन लगे, लेकिन हाल में हुए एक शोध यही कह रहा है कि यह बिलकुल संभव है। इस अध्ययन में पाया गया है कि कुछ बैक्टीरिया ऐसे हैं जिनकी खुराक मैंगनीज (Manganese) धातु है। मजेदार बात यह है कि यह खोज संयोग से हुई है।


कहां हुई यह खोज

यह खोज कैलीफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में माइक्रोबायोलॉजी के विशेषज्ञों ने की है। हमारे ग्रह पर मैंगनीज धातु बहुतायत में उपलब्ध है।  यह अध्ययन बैक्टीरयल कैमोलिथोऑटोट्रॉफी वाया मैंगनीज ऑक्सीडेशन शीर्षक से नेचर में प्रकाशित हुआ है।


पहली बार मिला ऐसा बैक्टीरिया

इस अध्ययन के सह लेखक जैरेड लीडबेटर का कहना है कि यह पहला ऐसा बैक्टीरिया है जो अपने ईंधन के लिए मैंगनीज खाता है। जब यह बैक्टीरिया इस धातु के संपर्क में आता है तो वह उसे प्रोटोन देने की कोशिश करता है इस प्रक्रिया में ऑक्सीकरण होता है जिससे मैंगनीज ऑक्साइड का निर्माण होता है।

कैसे पता चला इस बैक्टीरिया का

दरअसल यह खोज संयोग से हुई। डॉ जैरेड ने एक ग्लास जार एक नल के पानी से भीगे पदार्थ से ढककर जार अपने ऑफिस के सिंक में छोड़ दिया था। यह जार कई महीनों तक वैसा ही पड़ा रहा। जब वे लौटे तो उन्होंने पाया कि जार पर एक गहरे रंग के पदार्थ की परत चढ़ी है। उन्हें लगा कि यह माक्रोब्स की वजह से हो सकता है।  इस लिए उन्होंने इसकी व्यवस्थित तरीके से जांच करने का फैसला किया। डॉ जैरेड ने पाया कि जो जार पर काली परत है  वह वास्तव में ऑक्सीकृत मैंगनीज है जो एक नए बैक्टीरिया की वजह से बनी है जो नल के पानी में मिल सकता है।


मैंगनीज का क्या करता है यह बैक्टीरिया

शोध के मुताबिक यह बैक्टीरिया मैंगनीज का उपयोग कैमोसिंथेसिस के लिए करता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को बायोमास में बदलने की प्रक्रिया है। जैरेड का कहना है कि यह इस प्रकार का अकेला बैक्टीरिया नहीं हैं जो धातु खाता है। इस बात के प्रमाण मिले हैं कि इस जीव के रिश्तेदार जमीन के नीचे पानी में रहते हैं।

क्या लाभ होगा इस खोज से

वैज्ञानिकों को विश्वास है कि इस अध्ययन से उन्हें जमीन के अंदर के पानी के बारे बेहतर जानकारी मिल सकेगी और वे पानी वितरण के उन सिस्टम को समझ सकेंगे जो मैंगनीज ऑक्साइड के कारण बंद या चोक हो जाते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बारे में एक विशाल साहित्य है कि पीने के पानी का वितरण सिस्टम मैंगनीज ऑक्साइड के कारण बंद हो जाता है। लेकिन यह कैसे होता है यह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं था। अब तक बहुत से वैज्ञानिकों का भी यही मानना था कि यह किसी बैक्टीरिया के कारण होता है लेकिन इसका प्रमाण अब मिल गया है।


और इस बारे में भी मिलेगी जानकारी

शोधकर्ताओं का लगता है कि इस खोज से उन्हें मैंगनीज नूडल्स को समझने में मदद मिलेगी। ये मैंगनीज धातु की गेंद की तरह गोलाकार वस्तुएं होती हैं जो समुद्र तल में पाई जाती हैं लेकिन कई बार ये वहां से ऊपर निकाल ली जाती हैं।

कैल्टेक में जियोबायोलॉजी के प्रोफेसर वुडवर्ड फिशर, जो इस अध्ययन में शामिल नहीं थे, ने कहा कि जैरेड और हैंग की खोज ने उस अंतर को कम कर दिया जो पृथ्वी के तत्वों के चक्रों को समझने के दौरान पैदा हो रहा था। इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी के मैंगनीज ने कितने विभिन्न तरीकों से हमारे पृथ्वी पर जीवन के विकास में योगदान दिया है।”

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।