Religion: शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाना माना जाता है बेहद शुभ, जान लें सही विधि, नियम और मंत्र

Religion - शिवलिंग पर शमी पत्र चढ़ाना माना जाता है बेहद शुभ, जान लें सही विधि, नियम और मंत्र
| Updated on: 18-Jul-2022 03:42 PM IST
Sawan 2022 Shami Patra Rules: सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है. इस माह में भगवान शिव की को प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह के उपाय करते हैं. सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ की गई पूजा से भगवान शिव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. सावन माह में शिवलिंग पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. शिवलिंग पर शिवजी के प्रिय धतूरा, मदार के फूल, बिल्व पत्र के साथ अगर शमी पत्र भी चढ़ाया जाए, तो शुभ माना जाता है.

शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को शमी पत्र अगर विधिवत तरीके से चढ़ाया जाए, तो उसका फल और ज्यादा मिलता है. आइए जानें भगवान शिव को शमी पत्र चढ़ाने के सही नियम के बारे में. 

महादेव को यूं चढ़ाएं शमी पत्र

सावन का माह भगवान शिव की पूजा के लिए बेहद खास होता है. इस पूरे माह में पूजा-भक्ति का फल कई गुना ज्यादा मिलता है. सावन में किसी भी दिन भगवान शिव को शमी पत्र अर्पित किए जा सकते हैं. लेकिन अगर सावन के सोमवार के दिन शमी पत्र अर्पित किए जाएं, तो इसका विशेष लाभ होता है.

इस दिन सुबहस स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान शिव के मंदिर जाकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें. इसके बाद कांसे, तांबे या पील के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल, सफेद चंदन, चावल आदि मिलाएं और शिवलिंग पर अर्पित करें. इसके बाद भगवान शिव का अभिषेक करते समय ओम नमः शिवाय का मंत्र उच्चारण करें. इसके बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ, चावल, प्रसाद के साथ शमी पत्र अर्पित करें. शमी पत्र अर्पित करते समय इस मंत्र का उच्चराण शुभ रहेगा. 

शमी पत्र अर्पित करते समय बोले ये मंत्र

अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।

दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।

इसलिए मानते हैं शुभ 

सावन में भगवान शिव को शमी पत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है. शमी के पेड़ को ग्रंथों में शुभ माना गया है. मान्यता है कि भगवान श्री राम जब रावण का वध करने गए थे, उन्होंने वापस लौटे थे तब शमी के वृक्ष की पूजा की थी. वहीं, दूसरी कथा के अनुसार महाभारत में पांडवों को अज्ञातवास दिए जाने पर उन्होंने अपने अस्त्र शस्त्र को शमी के वृक्ष में छिपा दिया था. इसी कारण शमी के वृक्ष का विशेष महत्व है. 

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