Share Market News: शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बाद अब आगे क्या? ये 5 फैक्टर तय करेंगे बाजार की चाल
Share Market News - शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बाद अब आगे क्या? ये 5 फैक्टर तय करेंगे बाजार की चाल
शेयर बाजार के लिए पिछला हफ्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा, जिसमें निवेशकों को निराशा हाथ लगी और कम कारोबारी सत्रों के बावजूद, बीएसई सेंसेक्स में 722 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 229 अंक फिसलकर लाल निशान में बंद हुआ। इस गिरावट ने निवेशकों के मन में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बाजार इस दबाव से उबर पाएगा या आने वाले दिनों में और गिरावट देखने को मिलेगी और बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह हफ्ता बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहने वाला है, जहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर कई बड़े घटनाक्रम बाजार की चाल तय करेंगे।
महंगाई के आंकड़े और ब्याज दरों का भविष्य
इस हफ्ते निवेशकों की सबसे पैनी नजर सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले अक्टूबर महीने के महंगाई के आंकड़ों पर रहेगी। इसमें खुदरा महंगाई यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) और थोक महंगाई (WPI) दोनों शामिल हैं और रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा के अनुसार, ये आंकड़े देश में महंगाई की मौजूदा स्थिति को दर्शाएंगे और यह स्पष्ट करेंगे कि त्योहारी सीजन के दौरान कीमतों पर कितना नियंत्रण रहा। इन आंकड़ों का सीधा असर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति पर पड़ेगा, क्योंकि इन्हीं के आधार पर ब्याज दरों को लेकर कोई फैसला लिया जाता है और एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने भी इस बात पर जोर दिया कि खुदरा महंगाई के आंकड़े निवेशकों को ब्याज दर के भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देंगे। यदि महंगाई के आंकड़े उम्मीद से अधिक आते हैं, तो ब्याज दरों में कटौती। की संभावना और कम हो जाएगी, जिससे बाजार की धारणा नकारात्मक हो सकती है।दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजे
महंगाई के आंकड़ों के साथ-साथ, यह हफ्ता कंपनियों के तिमाही नतीजों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण है। दलाल स्ट्रीट पर कई बड़ी और दिग्गज कंपनियां अपनी दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के वित्तीय नतीजे पेश करने वाली हैं। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, इस हफ्ते ओएनजीसी, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और ऑयल इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। इन कंपनियों का मुनाफा, आय में वृद्धि और भविष्य के लिए उनका आउटलुक बाजार का मूड तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। यदि इन बड़ी कंपनियों के नतीजे बाजार की उम्मीदों से बेहतर आते हैं, तो संबंधित सेक्टरों के शेयरों में और पूरे बाजार में एक नई तेजी देखने को मिल सकती है। इसके विपरीत, यदि नतीजे कमजोर रहते हैं, तो पिछले हफ्ते की गिरावट का दबाव इस हफ्ते भी जारी रहने की आशंका है।अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक कारक
घरेलू कारकों के अलावा, अंतरराष्ट्रीय बाजार के संकेत भी इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार के लिए बहुत मायने रखेंगे। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के शोध प्रमुख विनोद नायर ने बताया कि अमेरिका में चल रहे 'सरकारी शटडाउन' का मसला बाजार की आगे की चाल को प्रभावित कर सकता है और पोनमुडी आर ने भी इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि शटडाउन के कारण अमेरिका में कई महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े समय पर जारी नहीं हो पाए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था की वास्तविक तस्वीर स्पष्ट नहीं हो पा रही है और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इसके अतिरिक्त, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की गतिविधियां भी बाजार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और पिछले कुछ समय से एफपीआई भारतीय बाजारों से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। इस हफ्ते उनका रुख क्या रहता है, वे बिकवाली जारी। रखते हैं या खरीदारी की ओर लौटते हैं, यह देखना होगा। एफपीआई का निवेश प्रवाह बाजार की दिशा को काफी हद तक प्रभावित करता है।
उपरोक्त प्रमुख कारकों के अलावा, कुछ अन्य वैश्विक घटनाक्रम भी बाजार की चाल पर असर डालेंगे। रुपये और डॉलर की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें भी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होंगी। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारत जैसे आयातक देशों के लिए चिंता का विषय होती हैं, क्योंकि इससे महंगाई और व्यापार घाटा बढ़ सकता है और साथ ही, अमेरिका, भारत और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता में क्या प्रगति होती है, इस पर भी निवेशकों की पैनी नजर रहेगी। इन सभी कारकों का संयुक्त प्रभाव इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेगा, जिससे यह हफ्ता निवेशकों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण रहने वाला है।