Simon Harmer: कैसे सचिन तेंदुलकर जिमखाना में दोबारा जिंदा हुआ साइमन हार्मर का करियर?

Simon Harmer - कैसे सचिन तेंदुलकर जिमखाना में दोबारा जिंदा हुआ साइमन हार्मर का करियर?
| Updated on: 17-Nov-2025 07:00 AM IST
कोलकाता में खेले गए टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को 30 रनों से हराकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की और इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका की जीत के सबसे बड़े नायक स्पिनर साइमन हार्मर रहे, जिन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। हार्मर ने इस महत्वपूर्ण मैच में कुल 8 विकेट चटकाए, जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी दिया गया। भारतीय टीम 124 रनों के मामूली लक्ष्य का पीछा करने में भी नाकाम रही, जबकि पहली पारी में वह 189 रनों पर ढेर हो गई थी।

कोलकाता टेस्ट में हार्मर का दबदबा

साइमन हार्मर ने कोलकाता की स्पिन-अनुकूल पिच पर अपनी फिरकी का जादू बिखेरा। वह इस मुकाबले के सबसे सफल गेंदबाज साबित हुए, जिन्होंने दोनों ही पारियों में 4-4 विकेट अपने नाम किए। भारतीय बल्लेबाज उनके सामने संघर्ष करते नजर आए और उनकी गेंदों को समझने में पूरी तरह विफल रहे। हार्मर ने पहली पारी में 15. 2 ओवर में सिर्फ 30 रन खर्च करते हुए वॉशिंगटन सुंदर, अक्षर पटेल, रवींद्र जडेजा और ध्रुव जुरेल जैसे महत्वपूर्ण बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। दूसरी पारी में भी उनका प्रदर्शन उतना ही प्रभावशाली रहा, जहां उन्होंने 14 ओवर में मात्र 20 रन देकर। ध्रुव जुरेल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव को आउट किया, जिससे भारतीय टीम की हार सुनिश्चित हुई।

एक दशक बाद भारत में वापसी और कड़वा अतीत

यह साइमन हार्मर के लिए एक बेहद यादगार पल था, क्योंकि वह लगभग 10 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत में टेस्ट मैच खेलने उतरे थे। उनकी पिछली भारत यात्रा, जो साल 2015 में हुई थी, एक बुरे सपने से कम नहीं थी। उस दौरे के बाद उन्हें साउथ अफ्रीका की टीम से बाहर कर दिया गया था और वह लगभग 7 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी नहीं कर पाए थे। यह उनके करियर का एक कठिन दौर था, जिसने उन्हें आत्म-चिंतन और अपनी खेल शैली पर काम करने के लिए प्रेरित किया।

उमेश पटवाल का परिवर्तनकारी मार्गदर्शन

2015 में अंतरराष्ट्रीय टीम से बाहर होने के बाद, साइमन हार्मर ने एक साहसिक निर्णय लिया। उन्होंने साउथ अफ्रीका छोड़कर भारत आने का फैसला किया और। मुंबई के एमसीए सचिन तेंदुलकर जिमखाना में लगभग दस दिन बिताए। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस दौरान उन्होंने उमेश पटवाल के साथ अपनी गेंदबाजी पर गहनता से काम किया, जिन्हें वह अपना गुरु मानते हैं। साइमन की उमेश से पहली मुलाकात भारत में क्रिकेट साउथ अफ्रीका द्वारा आयोजित एक स्पिन कैंप के दौरान हुई थी, जब उमेश पटवाल ग्लोबल क्रिकेट स्कूल में क्रिकेट निदेशक थे और सीएसए ने ग्लोबल क्रिकेट स्कूल के साथ मिलकर स्पिन कैंप आयोजित किए थे। इन दस दिनों में उमेश पटवाल ने साइमन हार्मर की गेंदबाजी की दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया। उमेश ने सबसे पहले साइमन को गेंद को सही तरीके से पकड़ना सिखाया। इससे पहले, साइमन ने गेंद पकड़ते समय कभी अपने अंगूठे का इस्तेमाल नहीं किया था, लेकिन उमेश चाहते थे कि वह ऐसा करें। साइमन अपने पूरे करियर के दौरान यह मानते रहे थे कि अगर उन्हें अधिक स्पिन या गेंद पर अधिक रेव्स चाहिए, तो उन्हें गेंद को कसकर पकड़ना होगा। उमेश ने गेंद को पकड़ने और छोड़ने के तरीके के बारे में उनकी जागरूकता में बदलाव किया, साथ ही उनके रन-अप पर भी काम किया, जो साइमन के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ और उनकी गेंदबाजी में नई जान फूंक दी।

कोलपाक डील और अंतरराष्ट्रीय वापसी

अपनी गेंदबाजी पर काम करने के बाद, साइमन हार्मर ने 2017 में एक और बड़ा फैसला लिया और उन्होंने इंग्लैंड में कोलपाक डील साइन की। कोलपाक डील का मतलब एक खिलाड़ी द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को छोड़कर किसी यूरोपीय काउंटी (जैसे कि इंग्लैंड की काउंटी) के साथ करार। करना है, ताकि उसे विदेशी खिलाड़ी के रूप में न गिना जाए और उसे विदेशी खिलाड़ी के स्लॉट की आवश्यकता न हो। हालांकि, 2022 में उन्होंने एक बार फिर साउथ अफ्रीका की राष्ट्रीय टीम में वापसी की। हाल ही में वह पाकिस्तान दौरे पर भी टीम का हिस्सा थे, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था।

एक रिकॉर्ड-तोड़ वापसी

साइमन हार्मर ने साउथ अफ्रीका के लिए अब तक 13 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 23. 38 के औसत से 60 विकेट चटकाए हैं। भारत के खिलाफ उनका प्रदर्शन विशेष रूप से प्रभावशाली रहा है, जहां उन्होंने केवल 3 टेस्ट मैचों में 18 विकेट लिए हैं। यह किसी भी साउथ अफ्रीकी स्पिनर गेंदबाज द्वारा भारत के खिलाफ शुरुआती 3 मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड है। कोलकाता टेस्ट में उनकी यह वापसी न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए, बल्कि साउथ अफ्रीकी क्रिकेट। के लिए भी एक प्रेरणादायक कहानी है, जो दृढ़ता और सही मार्गदर्शन के महत्व को दर्शाती है।

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।