Tiddi attack: भारत पर फिर हो सकता है टिड्डी दल का हमला, सरकार ने छह राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा

Tiddi attack - भारत पर फिर हो सकता है टिड्डी दल का हमला, सरकार ने छह राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा
| Updated on: 05-Jul-2020 11:25 AM IST
Tiddi attack | पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया से टिड्डियों का दल एक बार फिर भारत पर धावा बोल सकता है। कृषि मंत्रालय ने एक बयान में इस बात की जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा है कि उसने टिड्डी दल के खतरे को देखते हुए इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले छह राज्यों के अधिकारियों को चेतावनी भेजी है और राज्यों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। 

टिड्डी सर्कल कार्यालयों द्वारा राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में टिड्डियों से निपटने के लिए दवा का छिड़काव किया जा रहा है। तीन जुलाई तक की रिपोर्ट के मुताबिक, अभी तक फसलों को मामूली नुकसान पहुंचा है।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा है कि अफ्रीका से होने वाला टिड्डियों का हमला पिछले 70 सालों में सबसे खतरनाक है। इससे कृषि उत्पादन करने वाले देशों में खतरे की आशंका बढ़ गई है। 

वर्तमान समय में, अपरिपक्व गुलाबी टिड्डे और व्यस्क पीले टिड्डे राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, सिकार, जयपुर और अलवर में सक्रिय हैं। इसके अलावा, इनकी सक्रियता मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में भी देखी गई है। 

एक अंतर-मंत्रालयीय अधिकार प्राप्त समूह ने देश में खरीफ या गर्मियों में बोई जाने वाली फसलों को टिड्डियों के हमले से बचाने के लिए संसाधनों का प्रबंधन किया है। इसने 50 किलोग्राम वजनी पांच अडवांस्ड ड्रोन्स को पांच प्रौद्योगिकी कंपनियों से लिया है। इसके अलावा, पवन हंस लिमिटेड से हेलिकॉप्टरों को किराए पर लिया गया है। 

तीन जुलाई तक राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 1,32,777 हेक्टेयर भूमि पर टिड्डियों से निपटने के लिए कंट्रोल अभियान चलाया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकारों ने भी 1,13,003 भूमि पर कंट्रोल अभियान को अंजाम दिया है। 

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व एंटोमोलॉजिस्ट प्रमोद वाजपेयी ने कहा, ड्रोन्स का प्रयोग नया है और जाहिर तौर पर ये असरदार भी है। भारत को पूरे गर्मियों के मौसम में टिड्डियों के खिलाफ प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशक मैलाथियोन के पर्याप्त उत्पादन और आपूर्ति को बनाए रखना चाहिए।

अब तक जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर और नागौर में 12 ड्रोन तैनात किए जा चुके हैं। ड्रोन लंबे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों को कवर करने के लिए प्रभावी हैं। एक ड्रोन एक घंटे में 16-17 हेक्टेयर क्षेत्र में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकता है। 

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