Lockdown: प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर भेजने वाली स्पेशल ट्रेनें रद्द, कहा- अर्थव्यवस्था के लिए इनकी जरुरत

Lockdown - प्रवासी मजदूरों को उनके गृह नगर भेजने वाली स्पेशल ट्रेनें रद्द, कहा- अर्थव्यवस्था के लिए इनकी जरुरत
| Updated on: 06-May-2020 02:01 PM IST
Lockdown 3.0: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा द्वारा लॉकडाउन के बीच राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को अपने गृह नगर ना लौटने की अपील के चंद घंटे बाद राज्य सरकार ने प्रवासियों को उनके राज्य में भेजने के लिए व्यवस्थित सभी स्पेशल ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है। इस बाबत सरकार ने मंगलवार (5 मई, 2020) को दक्षिण पश्चिम रेलवे (SWR) को पत्र लिखा, जिसमें बुधवार को निर्धारित ट्रेन सेवाओं को वापस लेने का अनुरोध किया गया।

कर्नाटक में प्रवासियों के लिए नोडल अधिकारी एन मंजुनाथ प्रसाद द्वारा भेजे गए पत्र के मुताबिक 6 मई को बेंगलुरु से धनपुर (बिहार) के लिए सुबह 9, 12 और दोपहर तीन बजे शुरू होने वाली ट्रेन सेवाओं को रद्द करने का अनुरोध किया गया। बता दें कि शहर में हजारों की तादाद में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले मंगलवार को कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) के प्रतिनिधियों ने सीएम येदियुरप्पा से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में नियंत्रण में है। इसलिए रेड जोन को छोड़कर बाकी स्थानों में व्यवसाय, भवन निर्माण और औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की आवश्यकता है। मजदूर अनावश्यक रूप से जा रहे हैं। इन्हें रोकने की जरूरत है।

येदियुरप्पा ने कहा कि निर्माण उद्योग के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि लॉकडाउन के नियमों में ढील दिए जाने के बाद उन्होंने मजदूरों को रोजगार देना प्रारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा बिल्डरों ने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले डेढ़ महीने के दौरान काम न होने के बावजूद मजदूरों को वेतन और भोजन दिया। सूत्रों के अनुसार मजदूरों की कमी के चलते मुख्यमंत्री ने यह अपील की है।

यह पूछने पर क्या बिल्डरों की समूह की बैठक ने सरकार के फैसले को प्रभावित किया है। इस पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राज्य में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए इन प्रवासी श्रमिकों की आवश्यकता है। CREDAI प्रतिनिधियों ने सीएम को बताया किया था कि मजदूर अफवाहों के चलते घर वापस आ रहे थे। हालाकि सरकार द्वारा अभी तक इन ट्रेनों को रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है।

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