Temple Stampede: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में अचानक मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत

Temple Stampede - हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में अचानक मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत
| Updated on: 27-Jul-2025 12:01 PM IST

Temple Stampede: हरिद्वार, उत्तराखंड से एक दुखद खबर सामने आई है। रविवार सुबह मनसा देवी मंदिर में अचानक भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना मंदिर के सीढ़ी वाले रास्ते के पास हुई, जहां सावन के महीने में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। मौके पर पुलिस और बचाव दल राहत कार्य में जुटे हैं।

भगदड़ का कारण: अफवाह और भीड़ का दबाव

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि कुछ श्रद्धालु बिजली की तार का सहारा लेकर मंदिर की ओर चढ़ रहे थे। तभी अचानक एक अफवाह फैल गई कि तार में करंट दौड़ रहा है। इस अफवाह ने श्रद्धालुओं में दहशत पैदा कर दी, जिसके चलते भगदड़ मच गई। सावन के महीने में हरिद्वार के मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इसके अलावा, मानसून की बारिश के कारण सड़कों पर पानी और फिसलन थी। मंदिर तक जाने वाला रास्ता ऊंचा, संकरा और खड़ी चढ़ाई वाला होने के कारण हालात और बिगड़ गए।

प्रशासन का त्वरित एक्शन

घटना की सूचना मिलते ही गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे और कोतवाली प्रभारी रितेश शाह घटनास्थल पर पहुंचे। कोतवाली प्रभारी ने भगदड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि घायलों को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जताया शोक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। स्थानीय पुलिस तथा अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। इस संबंध में निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।

सावन में बढ़ी भीड़, प्रशासन के सामने चुनौती

सावन का महीना होने के कारण हरिद्वार में शिव भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। मनसा देवी मंदिर में जल चढ़ाने और दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। हालांकि, मंदिर तक पहुंचने वाले संकरे रास्ते और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों ने इस हादसे को और गंभीर बना दिया। प्रशासन के सामने अब भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बड़ी चुनौती है।

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