जयपुर: थाने में आत्मदाह मंत्री के पुलिसिया बोल- 4 साल संबंध रहा, दुष्कर्म ही था तो तब केस क्यों दर्ज नहीं

जयपुर - थाने में आत्मदाह मंत्री के पुलिसिया बोल- 4 साल संबंध रहा, दुष्कर्म ही था तो तब केस क्यों दर्ज नहीं
| Updated on: 31-Jul-2019 11:51 AM IST
जयपुर. वैशालीनगर थाने में महिला के आत्मदाह के मामले की जांच सीआईडी सीबी ने शुरू कर दी है। सरकार के दखल के बाद एपीओ सीआई संजय गोदारा को सस्पेंड कर दिया। मंगलवार को यह मामला विधानसभा से सड़कों तक गूंजा। सदन में शून्यकाल में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, विधायक कालीचरण सराफ ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाया।

जवाब में शांति धारीवाल ने सराफ पर टिप्पणी कर दी कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं है। भाजपा विधायकों ने आपत्ति की तो स्पीकर ने धारीवाल को जवाब देने से रोक दिया। इसे लेकर भाजपा विधायकों की स्पीकर से नाेक-झाेंक हो गई और वाक आउट कर दिया। दो मिनट बाद दोबारा सदन में जुटे और राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने स्पीकर से कहा कि वैशालीनगर मामले में सरकार से जवाब दिलवाएं। माहेश्वरी को डांटते हुए स्पीकर बोले कि स्थगन पर सरकार जवाब नहीं देती है। विरोध में भाजपा विधायक धरने पर बैठ गए।

सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव के बयान के बाद मंगलवार को सदन के बाहर धारीवाल ने भी पीड़िता पर ही सवाल उठा दिए। धारीवाल बोले- दोनों का संबंध 2015 से चल रहा था। सहमति के संबंध नहीं थे तो चार साल तक लगातार क्यों नहीं बोली? पीड़िता आरोपी के  साथ दिल्ली, नैनीताल गई। दुष्कर्म हो रहा था तो पीड़िता कहीं भी थाने में शिकायत दे सकती थी। आरोपी के पास महिला और उसके पति का एटीएम कार्ड चार साल तक कैसे रहा और लाखों रुपए निकाले गए? धारीवाल ने यह भी कहा- मैं भी मान रहा हूं कि पीड़िता से थाने में अच्छा व्यवहार नहीं हुअा। हम तत्कालीन सीअाई को सस्पेंड कर रहे हैं और जांच सीआईडी सीबी को दे रहे हैं।

वैशाली नगर थाने में दुष्कर्म पीड़िता द्वारा आत्मदाह से नाराज लोगों ने मंगलवार को वैशालीनगर अाैर खातीपुरा में बाजार बंद कराए। श्रीराजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल मकराना व वैशाली नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित सिंह व खातीपुरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष भवानी सिंह के साथ लोगों ने बाजार में रैली निकालकर दुकानें बंद करने की अपील की। दोपहर में सभी वैशाली नगर थाने पहुंचे। एसीपी बेनीवाल व एसएचओ गोदारा सहित अन्य दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करके कार्रवाई करने और दुष्कर्म आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। उधर, महिला के पति ने एसीपी व एसएचओ के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दी है।

बदतर हालात हैं, राज्य में महिला आयोग की टीम ही नहीं!

दिल्ली से राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम जयपुर पहुंची। कमिश्नरेट में पुलिस कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव व मृतका के परिजनों से टीम ने ढाई घंटे तक अलग-अलग बातचीत की। आयोग की सदस्य डाॅ. राजुल देसाई ने कहा- दुष्कर्म पीड़िता द्वारा थाने में आत्मदाह गंभीर मामला है। यहां हालात इतने बदतर हैं। फिर भी राज्य में महिला आयोग की टीम नियुक्त तक नहीं की गई। पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय पीड़िता को थाने बुलाकर प्रताड़ित किया।

थाने में महिला काउंसलर नहीं थी और ना ही सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। मृतका के पति ने आयोग की टीम को बताया कि उनकी पत्नी का मोबाइल गुम हो गया है। उस मोबाइल में दुष्कर्म आरोपी के खिलाफ कई सबूत हैं। ऐसे में पुलिस से मोबाइल की तलाश करवाएं। दूसरा आरोप यह लगाया है कि घटना के दौरान थाने के बाहर खड़ी पीड़िता की स्कूटी की डिक्की टूटी हुई मिली। इसकी भी जांच होनी चाहिए कि थाने के बाहर खड़ी स्कूटी की डिक्की कैसे टूटी। पीड़िता का पर्स सहित कई दस्तावेज रखे हुए थे।

सीआईडी सीबी ने जांच शुरू कर दी है। आत्मदाह की घटना और दुष्कर्म के मामले की जांच अब यहां पर ही हाेगी। परिजन चाहते हैं आईपीसी की धारा 306 में केस दर्ज हाे। हमने रिपाेर्ट ले ली है। जांच रिपाेर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिपाेर्ट मिलने पर निर्णय लिया जाएगा कि एसएचओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज हाे या नहीं। 

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