देश: सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट में EWS आरक्षण को चुनौती वाली याचिका की सुनवाई पर लगाई रोक, ट्रांसफर को लेकर की थी मांग

देश - सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट में EWS आरक्षण को चुनौती वाली याचिका की सुनवाई पर लगाई रोक, ट्रांसफर को लेकर की थी मांग
| Updated on: 24-Sep-2021 06:05 PM IST
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं को पहले भी पांच जजों की संविधान पीठ को भेज दिया था.

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के उम्मीदवारों को नौकरियों और दाखिले में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र सरकार (central government) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर केरल हाई कोर्ट (High Court) के समक्ष कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगा दी.

चीफ जस्टिस (Chief Justice) एन वी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने केंद्र द्वारा दाखिल याचिका पर नोटिस भी जारी किया, जिसमें मामले को हाई कोर्ट (High Court) से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में ट्रांसफर करने का अनुरोध किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में इसी तरह के मामले को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष भेज दिया था

केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए और हाई कोर्ट (High Court) के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगाने के अलावा नुजैम पी के को नोटिस देने का अनुरोध किया, जिन्होंने वहां जनहित याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया है कि रिट याचिका में इस कोर्ट के समक्ष लंबित कानून का एक समान प्रश्न शामिल है कि क्या संविधान (103वें संशोधन) कानून, 2019 भारत के संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन करता है और संविधान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है.

‘सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की जरुरत’

इसमें कहा गया है कि उक्त रिट याचिका को ट्रांसफर करने से इन सभी मामलों पर एक साथ सुनवाई हो सकेगी और विभिन्न अदालतों द्वारा असंगत आदेश पारित होने की संभावना से बचा जा सकेगा. याचिका का ट्रांसफर आवश्यक है क्योंकि इसी तरह की याचिका और कानून की वैधता के संबंध में अन्य संबंधित अर्जियां इस कोर्ट के सामने लंबित हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं और ट्रांसफर याचिकाओं को पूर्व में पांच जज की संविधान पीठ को भेज दिया था. कोर्ट ने केंद्र के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया था.

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।