देश: CAPF कैंटीन में अब बजेगा स्वदेशी का डंका, 1000 से ज्यादा विदेशी सामान हुए बाहर
देश - CAPF कैंटीन में अब बजेगा स्वदेशी का डंका, 1000 से ज्यादा विदेशी सामान हुए बाहर
|
Updated on: 01-Jun-2020 04:28 PM IST
नई दिल्ली। माइक्रोवेव ओवन से लेकर फुटवियर और ब्रांडेड उत्पादों जैसे टॉमी हिलफिगर शर्ट से लेकर 1000 से अधिक आयातित उत्पाद अब केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) में उपलब्ध नहीं होंगे। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार पैरामिलिट्री कैंटीन चलाने वाली मुख्य संस्था है। बता दें कि आज से आर्मी कैंटीन में केवल स्वदेशी सामान ही बेचे जाने का निर्णय लिया गया है।
ये सामान हुए बैनकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) की कैंटीनों में अब केवल मेड इन इंडिया सामान ही बेचे जाएंगे। इसके अलावा, फेरेरो रोशेर, रेड बुल, विक्टोरिनोक्स, सफिलो (पोलेरॉइड, कैमेरा) जैसे उत्पादों का आयात करने वाली सात कंपनियों को डी-लिस्ट कर दिया गया है। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार कैंटीन ने कई कंपनियों के उत्पादों को भी लेने से इनकार कर दिया है। दरअसल इन कंपनियों को कुछ जरूरी जानकारी मांगी गई थी जिसे इन्होंने तय समय तक नहीं दिया। KPKB ने सभी उत्पादों को तीन श्रेणियों में बांटा है।गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है भारत सरकार स्वदेशी समान केवल KPKB भंडारों के माध्यम से ही बेचा जाएगा। बता दें कि केंद्रीय पुलिस कैंटीन का इस्तेमाल सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स में सेवारत लगभग 10 लाख कर्मियों के लगभग 50 लाख परिवार के सदस्य करते हैं। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार में केवल श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के अंतर्गत आने वाले सामान को रखा जाएगा। जबकि श्रेणी 3 में आने वाले सामान को 1 जून से हटा दिया जाएगा और उनकी बिक्री 1 जून से ही बंद कर दी जाएगी। जो भी कंपनियां श्रेणी 3 के अंतर्गत आती हैं उनके उत्पादों को 1 जून से ही कैंटीन में बेचने पर रोक होगी। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि केपीकेबी की कैंटीन में केवल स्वदेशी सामान ही बेचे जाएंगे।ऐसा है कैंटीन का ढांचाकेंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कैंटीन के तहत पूरे देश में 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन (सीपीसी) का संचालन होता है। इसमें किराना का सामान, कपड़े, उपहार सामग्री और वाहन एवं अन्य सामानों की बिक्री होती है। सीएपीएफ की कैंटीन में सालाना करीब 2,800 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। इन कैंटीनों के जरिए सेना के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवारों को सामानों की बिक्री की जाती है। सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के अलावा एनएसजी भी शामिल है। वर्ष 2006 में कैंटीन के इस नेटवर्क की स्थापना हुई थी। बलों की तैनाती वाले विभिन्न स्थानों पर 119 से ज्यादा मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन हैं।
Disclaimer
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।