Mumbai Attack: तहव्वुर राणा ने उगले कई राज, पाक सेना से गहरे संबंधों का किया खुलासा

Mumbai Attack - तहव्वुर राणा ने उगले कई राज, पाक सेना से गहरे संबंधों का किया खुलासा
| Updated on: 07-Jul-2025 03:19 PM IST

Mumbai Attack: 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों से जुड़े एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, मुंबई क्राइम ब्रांच ने अप्रैल 2025 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कस्टडी में बंद मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा से गहन पूछताछ की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कई महत्वपूर्ण जानकारियां पहले से ही रिकॉर्ड में मौजूद थीं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राणा अपने पुराने बयानों पर कायम है, लेकिन उसकी बातचीत में उसकी कट्टरपंथी विचारधारा स्पष्ट रूप से झलकती है। पूछताछ के दौरान राणा ने कई अहम खुलासे किए, जो इस जघन्य आतंकी हमले की साजिश को और स्पष्ट करते हैं।

पाकिस्तानी सेना का 'भरोसेमंद' व्यक्ति

राणा ने अपने बयान में दावा किया कि वह पाकिस्तानी सेना का एक भरोसेमंद व्यक्ति था। उसने खुलासा किया कि 1990 में इराक द्वारा कुवैत पर आक्रमण के दौरान उसे सऊदी अरब में एक गुप्त मिशन पर भेजा गया था। यह दावा उसके पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के लिए रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।

राणा ने बताया कि उसने 1986 में रावलपिंडी के आर्मी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उसे क्वेटा में कैप्टन (डॉक्टर) के पद पर नियुक्त किया गया। उसने पाकिस्तान के कई संवेदनशील सैन्य क्षेत्रों जैसे सिंध, बलूचिस्तान, बहावलपुर और सियाचिन-बालोतरा सेक्टर में भी अपनी सेवाएं दीं।

26/11 के साजिशकर्ताओं से संबंध

पूछताछ में राणा ने 26/11 हमलों में कथित तौर पर शामिल रहे अन्य साजिशकर्ताओं—अब्दुल रहमान पाशा, साजिद मीर और मेजर इकबाल—को जानने की बात स्वीकार की। ये तीनों पाकिस्तानी नागरिक हैं और माना जाता है कि इन्होंने इस आतंकी हमले की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राणा की हिंदी, अंग्रेजी, अरबी और पश्तो जैसी कई भाषाओं की जानकारी उसे एक महत्वपूर्ण कड़ी बनाती है।

डेविड हेडली पर खुलासे

राणा ने पूछताछ में डेविड हेडली के बारे में भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि 2003 और 2004 के बीच हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ तीन ट्रेनिंग कोर्स में हिस्सा लिया था, हालांकि उसे इन कोर्स के नाम पूरी तरह याद नहीं हैं।

जब राणा से मुंबई में पहला इमिग्रेशन सेंटर खोलने के विचार के बारे में पूछा गया, तो उसने दावा किया कि यह विचार पूरी तरह से उसका अपना था, न कि हेडली का। हेडली को भेजे गए पैसों के बारे में राणा ने कहा कि यह रकम कारोबारी खर्च के लिए थी। उसने यह भी स्वीकार किया कि मुंबई में ऑफिस होने के बावजूद क्लाइंट हासिल करने में उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

सैन्य सेवा से भगोड़ा घोषित

राणा ने अपने सैन्य करियर के बारे में बताते हुए कहा कि सियाचिन में एक असाइनमेंट के दौरान उसे पल्मोनरी एडिमा हो गया था, जिसके कारण उसे लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहना पड़ा। इस लंबी अनुपस्थिति के चलते उसे भगोड़ा घोषित कर सैन्य सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

हेडली के बयानों का अध्ययन

पुलिस ने यह भी बताया कि राणा ने डेविड हेडली के कोर्ट में दिए बयानों का गहन अध्ययन किया है। उसकी जानकारी और जवाबों से यह स्पष्ट होता है कि वह मामले की बारीकियों से अच्छी तरह वाकिफ है।

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