1 अप्रैल 2025 से देशभर में नया टैक्स स्ट्रक्चर लागू होने जा रहा है। इस नए ढांचे के तहत 12 लाख तक की सैलरी पाने वालों को इनकम टैक्स की टेंशन खत्म हो जाएगी, बशर्ते वे न्यू टैक्स रिजीम का चुनाव करें। लेकिन सवाल उठता है कि 12 लाख से अधिक की सैलरी वालों के लिए कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा – ओल्ड टैक्स रिजीम या न्यू टैक्स रिजीम?
ओल्ड vs न्यू टैक्स रिजीम
ओल्ड टैक्स रिजीम में कई प्रकार की कर छूट और कटौतियां उपलब्ध होती हैं, जैसे कि:
- धारा 80C के तहत निवेश पर छूट
- NPS में योगदान पर कटौती (80CCD (1B) और 80CCD (2))
- HRA (House Rent Allowance) छूट
- स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम (धारा 80D) पर कटौती
- बैंक बचत ब्याज पर धारा 80TTA के तहत छूट
वहीं, न्यू टैक्स रिजीम में कर स्लैब सरल हैं और केवल कुछ ही कटौतियां उपलब्ध हैं, जैसे:
- नियोक्ता के NPS योगदान पर धारा 80CCD (2) के तहत छूट
- टेलीफोन और परिवहन भत्ता पर छूट
CTC 25 लाख रुपए होने पर कौन सी टैक्स रिजीम बेहतर?
अगर किसी कर्मचारी की CTC 25 लाख रुपये है, तो उसे ओल्ड और न्यू टैक्स रिजीम में तुलना करके फैसला करना होगा।
| विवरण | ओल्ड टैक्स रिजीम | न्यू टैक्स रिजीम |
|---|
| टोटल सैलरी | 20,31,900 | 20,31,900 |
| कार लीज परक्विजिट (<1600 CC इंजन) | 21,600 | 21,600 |
| ग्रॉस पे | 20,53,500 | 20,53,500 |
| मोबाइल रिइम्बर्समेंट | 50,000 | 50,000 |
| कंवेंस रिइम्बर्समेंट | 2,40,000 | 2,40,000 |
| कार लीजिंग अमाउंट | 3,00,000 | 3,00,000 |
| नेट पे | 14,63,500 | 14,63,500 |
| LTA छूट | 1,00,000 | 0 |
| स्टैंडर्ड डिडक्शन | 50,000 | 75,000 |
| HRA छूट | 2,60,000 | 0 |
| फूड कूपन | 26,400 | 0 |
| टैक्सेबल सैलरी | 10,27,100 | 13,88,500 |
| धारा 80C डिडक्शन | 1,50,000 | 0 |
| नियोक्ता का NPS योगदान | 1,00,000 | 1,40,000 |
| NPS डिडक्शन (50,000) | 50,000 | 0 |
| धारा 80TTA छूट | 10,000 | 0 |
| स्वास्थ्य बीमा (80D) छूट | 50,000 | 0 |
| नेट टैक्सेबल सैलरी | 6,67,100 | 12,48,500 |
| टैक्स अमाउंट | 47,757 | 50,440 |
कौन सी टैक्स रिजीम चुनें?
यदि कोई कर्मचारी विभिन्न कटौतियों और छूटों का लाभ उठाने में सक्षम है, तो ओल्ड टैक्स रिजीम उसके लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, यदि कटौतियों और छूटों का उपयोग नहीं किया जाता या उनके लिए दस्तावेज़ीकरण की जटिलता से बचना चाहते हैं, तो न्यू टैक्स रिजीम एक आसान और कारगर विकल्प हो सकता है।नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने का मुख्य लाभ यह है कि यह सरल और सीधी है, क्योंकि इसमें कटौतियों और छूटों के लिए दस्तावेज़ीकरण की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए, यह तय करने से पहले व्यक्ति को अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश योजनाओं का आकलन करना चाहिए।