INDw vs SAw: टीम इंडिया बनी महिला वनडे वर्ल्ड चैंपियन: 47 साल का इंतजार खत्म, पहली बार जीता खिताब

INDw vs SAw - टीम इंडिया बनी महिला वनडे वर्ल्ड चैंपियन: 47 साल का इंतजार खत्म, पहली बार जीता खिताब
| Updated on: 03-Nov-2025 12:14 AM IST
महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है और नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया। यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसने 47 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया।

शानदार बल्लेबाजी प्रदर्शन

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर 298 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। भारतीय पारी की शुरुआत शैफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने धमाकेदार अंदाज में की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 104 रनों की शतकीय साझेदारी कर टीम को मजबूत नींव प्रदान की। स्मृति मंधाना ने 58 गेंदों में 45 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, जिसमें उन्होंने कुछ आकर्षक शॉट्स लगाए।

शैफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा का अर्धशतक

शैफाली वर्मा ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 78 गेंदों में 87 रनों की बेहतरीन पारी खेली। उनकी इस पारी में सात चौके और दो छक्के शामिल थे। हालांकि, वह शतक से चूक गईं, लेकिन उनकी पारी ने टीम को बड़े स्कोर की ओर अग्रसर किया। सेमीफाइनल में शतक लगाने वाली जेमिमा रोड्रिग्स इस मैच में 37 गेंदों में 24 रन ही बना सकीं। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 29 गेंदों में 20 रन बनाए। निचले क्रम में ऋचा घोष ने 34 रनों का योगदान दिया, जबकि दीप्ति शर्मा ने 58 रनों की शानदार अर्धशतकीय पारी खेली, हालांकि वह रन आउट हो गईं। साउथ अफ्रीका की ओर से आयबोंगा खाका ने 3 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों पर कुछ हद तक लगाम लगाने की कोशिश की।

साउथ अफ्रीका की पारी और लौरा वोल्वार्ड्ट का शतक

299 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीकी टीम को भी अच्छी शुरुआत मिली और सलामी बल्लेबाज तैजमिन ब्रिट्स और कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने पहले विकेट के लिए 51 रनों की साझेदारी की। ब्रिट्स ने 35 गेंदों में 23 रन बनाए। हालांकि, इसके बाद एनेक बॉश बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गईं और सुने लुस ने 35 रन और सिनालो जाफा ने 16 रन बनाए, लेकिन वे अपनी टीम को जीत की दहलीज तक नहीं पहुंचा सके।

दीप्ति शर्मा का ऐतिहासिक गेंदबाजी प्रदर्शन

साउथ अफ्रीकी कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने एक छोर संभाले रखा और शानदार बल्लेबाजी करते हुए 98 गेंदों में 11 चौकों और एक छक्के की मदद से 101 रनों की शतकीय पारी खेली। उनकी यह पारी टीम को जीत दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी, क्योंकि उन्हें दूसरे छोर से पर्याप्त समर्थन नहीं मिला। अमनजोत कौर ने उनका शानदार कैच लपका, जिससे साउथ अफ्रीका की उम्मीदें लगभग खत्म हो गईं। भारतीय गेंदबाजों ने अनुशासित प्रदर्शन किया, जिसमें दीप्ति शर्मा ने सबसे आगे बढ़कर नेतृत्व किया और उन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाजी से साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों को खूब परेशान किया और सबसे ज्यादा 5 विकेट लेकर टीम की जीत सुनिश्चित की। मैच के 46वें ओवर की तीसरी गेंद पर दीप्ति शर्मा ने एक फुल टॉस फेंकी, जिस पर नदिन डी क्लर्क ने शॉट खेलने की कोशिश की। हालांकि, कवर्स पोजीशन पर खड़ी भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक शानदार कैच लपककर उन्हें पवेलियन भेज दिया। इस विकेट के साथ ही साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 246 रनों पर ऑलआउट हो गई और भारतीय महिला टीम ने 52 रनों से यह ऐतिहासिक फाइनल जीत लिया। यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जिसने देश को गौरवान्वित किया है।

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